उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कांवड़ यात्रा ‘नेम प्लेट’ विवाद पर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि “समाजवादी पार्टी हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति करती है. हम हर स्थिति में कानून-व्यवस्था को बनाए रखेंगे. हर क्रेता का यह अधिकार है कि वो जाने और समझे कि किससे खाने योग्य सामान खरीद रहा है और यह नियम भी है. यदि वो लिख रहे हैं या उनसे लिखने के लिए कहा जा रहा है, तो इसमें उन्हें क्या दिक्कत है?”

वहीं इस मामले में मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि “सरकार किसी भी त्यौहार को शांतिपूर्वक ढंग से संपन्न कराने का प्रयास करती है. कांग्रेस, सपा, बसपा के लोगों ने जो नफरत के बीज बोए हैं, उससे निजात दिलाने के लिए, कोई उपद्रव ना हो इसलिए सरकार ने फैसला लिया है. सरकार जो भी योजना बना रही है, वो सभी जाति धर्म के लिए बना रही है. अलग-अलग धर्मों की अलग-अलग व्यवस्था होती है, तो कोई विवाद ना हो इसलिए यह किया गया है. विपक्ष हमेशा विरोध की राजनीति करता है”.

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पहचान बताने में आपत्ति नहीं होनी चाहिए- मंत्री दयाशंकर

मंत्री दयाशंकर ने कहा कि “पहचान बताने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. पहचान दिखाने में क्या दिक्कत है? हम मंत्री हैं, हम जहां भी जाते हैं और रहते हैं, हमसे पहचान पत्र मांगा जाता है और हम दिखाते हैं. इसमें कोई अपमानजनक बात नहीं है. पहचान छिपाना गलत है क्योंकि जब लोग अपनी पहचान छिपाते हैं, तो गलत तत्व भी घुस आते हैं.”

इमरान मसूद ने साधा था निशाना

बता दें कि सीएम योगी के सख्त निर्देश हैं कि 11 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी विक्रेता अपने नाम, पते और मोबाइल नंबर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करेंगे. इसे लेकर सियासत भी जारी है. सपा और कांग्रेस के नेता भाजपा के इस फैसले को लेकर जमकर हमलावर हैं. नेम प्लेट लगाने को लेकर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद भी योगी सरकार को घेर चुके हैं. उन्होंने कहा है कि यह मोहब्बत का देश है, नफरत का नहीं है. पिछली बार भी इन्होंने कोशिश की थी लेकिन, लोगों ने उनकी कोशिशों को फेल कर दिया था, इस बार फेल कर देंगे. यह लोग साझा संस्कृति, साझा विरासत को नष्ट करना चाहते हैं. जो लोग भक्ति में सराबोर आते हैं, उनकी सेवा सब करते हैं.