UK F-35 Fighter Jet: केरल के तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर फंसे ब्रिटिश रॉयल नेवी (British Royal Navy) के F-35 फाइटर जेट की 19 दिन बाद भी मरम्मत नहीं हो सकी है। 14 जून को इमरजेंसी लैंडिंग के बाद से फाइटर जेट धुल, पानी के बीच तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर खड़ा है। अब ब्रिटिश रॉयल नेवी F-35 फाइटर जेट को टुकड़ों में ले जाने की तैयारी कर रही है। सूत्रों से जानकारी सामने आई है कि फाइटर जेट को टुककों पर करके सैन्य कार्गो विमान के जरिए वापस ब्रिटेन ले जाया जाएगा।
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दरअसल प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा F-35B केरल के तट से करीब 100 समुद्री मील दूर ऑपरेशन कर रहा था, जब खराब मौसम और कम फ्यूल की वजह से फाइटर जेट को इमरजेंसी के हालात में 14 जून को तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर लैंड कराना पड़ा था।
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दूर नहीं हो पाई विमान में आई खराबी
विमान को केरल में ठीक करने की कई कोशिशों के बावजूद, फिफ्ट जेनरेशन का स्टील्थ जेट विमान इंजीनियरिंग की खराबी के कारण अभी तक जमीन पर ही खड़ा है। मामले से सूत्रों ने पुष्टि की है कि विमान को फिर से उड़ान भरने के लिए तैयार करने की सभी कोशिश अब तक फेल साबित हुई हैं। ऐसे में विमान को ले जाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है। लगातार हो रही देरी के अलावा, यूनाइटेड किंगडम से कोई भी इंजीनियरिंग टीम अभी तक भारत नहीं पहुंची है। सूत्रों ने बताया कि मरम्मत के लिए तीस इंजीनियरों के एक ग्रुप के तिरुवनंतपुरम पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन वे अभी तक नहीं पहुंचे हैं।
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अब टुकड़ों में वापस जाएगा जेट
विमान की वापसी के लिए कोई डेडलाइन न होने के कारण, ब्रिटिश अधिकारी अब विमान को वापस लाने के लिए वैकल्पिक योजनाओं पर काम कर रहे हैं। विमान को आंशिक रूप से तोड़ना मिलिट्री ट्रांसपोर्ट की ओर से विमान को वापस ले जाने के सबसे बेहतर ऑप्शन के रूप में उभरा है।
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हालांकि, जब लड़ाकू विमान अपने एयरक्राफ्ट कैरियर पर लौटने की तैयारी कर रहा था। तो टैकऑफ से पहले की जांच के दौरान हाइड्रोलिक फेलियर का पता चला। इस समस्या को गंभीर माना जाता है क्योंकि यह जेट की सुरक्षित रूप से उड़ान भरने और उतरने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। तीन टेक्निशियंस वाली एक छोटी रॉयल नेवी टीम ने खराबी को ठीक करने की कोशिश की, लेकिन समस्या की जटिलता के कारण असफलता नहीं मिली।
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