हल्द्वानी. धामी सरकार के सुशासन राज में कुशासन का एक अनोखा मामला सामने आया है. सरकार के नुमाइंदों ने पौधा लगाने के नाम पर सरकार को मोटा चूना लगाया है. 1060 पौधे लगाने के लिए वन विभाग की टीम ने 48,85,200 खर्च कर डाले. मामला सामने आने के बाद सुशासन राज में भ्रष्टाचार की बू आ रही है. भ्रष्टाचार की गंध ऐसी फैल रही है कि कई सवाल खड़े हो रहे हैं. सवाल ये कि एक पौधा लगाने में आखिर 4,608 रुपए कैसे खर्च हुए? ये तो साफ है कि पौधा लगाने के नाम से सिस्टम ने अपना कमीशन निकाला है! ऐसे में सवाल उठना लाजमी भी है कि आखिर किसने-कितना पैसा खाया है?
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बता दें कि हाईकोर्ट में हल्द्वानी के हिशांत आही ने याचिका दाखिल कर कहा था कि 2024 में बरेली रोड पर चौड़ीकरण के दौरान पेड़ काटे गए, लेकिन इसके बदले क्षतिपूरक वनीकरण नहीं किया गया. जिसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए जनवरी 2025 में क्षतिपूरक वनीकरण का आदेश दिया. फिर क्या था वन विभाग के जिम्मेदार हरियाली लाने की जुगत में जुटे और 1060 पौधे रोपने के लिए 48,85,200 रुपए खर्च कर डाले. उसके बाद शपथ पत्र के जरिए जानकारी दी.
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ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि ऐसा कौन सा पौधा वनविभाग ने लगाया है, जिसे लगाने के लिए मोटी रकम खर्च करनी पड़ी. अब लोग कह रहे हैं कि वन विभाग के अफसरों ने हरियाली लाने के चक्कर में हरे-हरे नोटों से अपना अकाउंट भरा और सड़क की जगह अकाउंट में हरियाली छा गई. हालांकि, जब पौधे लगाने के खर्च पर सवाल उठा तो वन विभाग के जिम्मेदार ने सफाई भी पेश की. वन विभाग के जिम्मेदार अफसर का कहना है कि पौधरोपण के दौरान सुरक्षा के लिए बनाए गए ट्री गार्ड से खर्च बढ़ गया है.
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