कुंदन कुमार/ पटना। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां जोरों पर हैं। प्रदेश के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा लगातार अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं और कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के निर्देश दे रहे हैं। चुनाव के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही या कानून-व्यवस्था में चूक को रोकने के लिए वे लगातार जिलों के डीएम, एसपी और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मंथन कर रहे हैं।
शून्य वोट बहिष्कार का लक्ष्य
गुरुवार को मुख्य सचिव ने भागलपुर और मुंगेर प्रमंडल के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इस बार के चुनाव में शून्य वोट बहिष्कार का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी स्थिति में ऐसा माहौल न बने जिससे मतदाता वोट डालने से वंचित रहें। इसके लिए सभी जरूरी उपाय किए जाएं और यदि किसी क्षेत्र में कोई समस्या है तो उसे पहले से चिन्हित कर समाधान निकाला जाए।
कई निर्देश दिए
मुख्य सचिव ने जिलों में वाहनों की जांच (व्हीकल चेकिंग) अलग-अलग समय पर शुरू करने के निर्देश दिए हैं, ताकि कोई भी अवैध गतिविधि को अंजाम न दे सके। इसके साथ ही बॉर्डर चेक पोस्ट को पूर्ण रूप से फंक्शनल करने का आदेश दिया गया है ताकि अन्य राज्यों से अवैध शराब, हथियार या पैसे की आवाजाही पर प्रभावी रोक लगाई जा सके।
सत्यापन कराने का आदेश
उन्होंने सभी जिलों के डीएम को आर्म्स होल्डर्स (शस्त्र लाइसेंस धारकों) के घर जाकर सत्यापन कराने का आदेश भी दिया है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी के पास अवैध रूप से हथियार तो नहीं हैं और जिनके पास हैं, वे सही तरीके से सुरक्षित रखे गए हैं या नहीं।
अपराध नियंत्रण पर जोर
बैठक में डीजीपी विनय कुमार ने भी अपराध नियंत्रण पर जोर दिया। उन्होंने सभी जिलों को निर्देश दिया कि हिस्ट्री शीटर, कुख्यात अपराधियों और फरार आरोपियों की सूची तैयार की जाए और उन पर कड़ी निगरानी रखी जाए। साथ ही, आर्म्स एक्ट के तहत लंबित मामलों को तेजी से निपटाने और स्पीडी ट्रायल के ज़रिए न्याय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
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