Ahmedabad Air India Plane Crash Case: अहमदाबाद एअर इंडिया प्लेन क्रैश के साथ शुरू हुआ विवाद एअर इंडिया का साथ नहीं छोड़ रहा है। कई इंटरनेशनल फ्लाइट रद्द करने की बात हो या तकनीकी खराबी के कारण फ्लाइटों की इमरजेंसी लैंडिंग हो… लगातार एअर इंडिया सुर्खियों में बना हुआ है। अब एक बार फिर विमान कंपनी सुर्खियों में आ गया है। दरअसल अहमदाबाद प्लेन क्रैश में जान गंवाने वाले यात्रियों के परिवार ने मुआवजे को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं।

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दरअसल एअर इंडिया ने पीड़ित परिवारों को ऐसे प्रश्नावली भेजी गई है जिसमें बिना किसी स्पष्टीकरण के कानूनी शर्तें शामिल हैं। जैसे – आर्थिक निर्भरता या उत्तरजीवी लाभार्थी इत्यादि। परिजनों से कानूनी रूप में महत्वपूर्ण जानकारी मांगी गई है। मृतकों के संबंधियों का कहना है कि इसका इस्तेमाल उनके खिलाफ ही किया जा सकता है।

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इधर एअर इंडिया ने अहमदाबाद फ्लाइट दुर्घटना के बाद यात्रियों को मुआवजा देने की प्रक्रिया पर लगे आरोपों का खंडन किया है। एयरलाइन ने कहा कि मृतकों के परिवारों को दी गई प्रश्नावली केवल पारिवारिक संबंधों की पुष्टि के लिए थी ताकि अस्थाई भुगतान सही लाभार्थियों को मिल सके। एअर इंडिया ने कहा है कि मुआवजे को लेकर लगाए जा रहे उनपर आरोप निराधार हैं। उनके द्वारा दी गई प्रश्नावली का उद्देश्य महज़ पारिवारिक संबंधों की पुष्टि करना था।

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एअर इंडिया ने आगे कहा कि ये कुछ औपचारिक प्रक्रियाएं हैं, जिसका पालन होना जरूरी है। लेकिन हम पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद करने में जुटे हैं। विमानन कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि फॉर्म को ई-मेल के ज़रिए या व्यक्तिगत रूप से जमा किया जा सकता है। बिना बुलाए घर पर कोई दौरा नहीं किया जाएगा. अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं, जो पीड़ित के परिजनों को अंतिम संस्कार, आवास और अन्य व्यवस्थाओं में परिवारों की मदद कर रही है। कंपनी ने बताया है कि अब तक 47 परिवारों को अग्रिम भुगतान कर दिया गया है। 55 परिवारों को भुगतान करने का प्रोसेस चल रहा है।

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एअर इंडिया पर क्या आरोप हैं? 

यूके‑आधारित क़ानूनी फर्म स्टुअर्ट्स, जो 40 से अधिक पीड़ित परिवारों का प्रतिनिधित्व कर रही है, का दावा है कि एअर इंडिया के द्वारा ऐसे प्रश्नावली भेजी गई है जो कि कानूनी रूप से आर्थिक विवरण देने के लिए परिवारों पर दवाब डाल रही है। स्टीवर्ट्स के एक भागीदार पीटर नीनन ने एअर इंडिया की आलोचना करते हुए कहा कि पीड़ित परिवारों को ऐसे प्रश्नावली भेजी गई है जिसमें बिना किसी स्पष्टीकरण के कानूनी शर्तें शामिल हैं। जैसे – आर्थिक निर्भरता या उत्तरजीवी लाभार्थी इत्यादि। परिजनों से कानूनी रूप में महत्वपूर्ण जानकारी मांगी गई, जिसमें कानूनी परिभाषा वाले शब्दों का इस्तेमाल किया गया। बाद में इसी जानकारी को उनके ख़िलाफ़ इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्हें इसके लिए शर्म आनी चाहिए, हम सभी इससे स्तब्ध हैं।

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मुआवजे को लेकर टाटा समूह ने किया था ऐलान 

बता दें कि 12 जून, 2025 को अहमदाबाद में एअर इंडिया की फ्लाइट AI‑171 क्रैश हुआ था। इस फ्लाइट में सवार एक यात्री को छोड़कर सभी यात्री और क्रू मेंबर्स की मौत हो गई थी। इसके बाद टाटा समूह ने ऐलान किया था कि प्रत्येक मृतक के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये सहायता राशि प्रदान करेगी। इसके साथ ही 500 करोड़ रुपये के ट्रस्ट स्थापित करने की भी बात कही गई थी। इस ट्रस्ट के ज़रिए शिक्षा, स्वास्थ्य और पुनर्वास जैसी सेवाएं प्रदान की जाएंगी।

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