महाराष्ट्र की राजनीति में दो दशक पहले अलग हुए ठाकरे बंधु, राज (Raj Thackeray) और उद्धव ठाकरे(Uddhav Thackeray), आज शनिवार को एक मंच पर एकत्रित होंगे. वे राज्य सरकार द्वारा प्राथमिक स्कूलों में तीन-भाषा नीति की वापसी के उपलक्ष्य में विजय महोत्सव का आयोजन कर रहे हैं. यह कार्यक्रम मुंबई के एनएससीआई डोम में होगा, जो शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे के विधानसभा क्षेत्र में स्थित है. ठाकरे बंधुओं के इस एकजुटता से नए राजनीतिक समीकरण की संभावनाओं पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं.
राज ने त्रिभाषा सूत्र को लागू करने के निर्णय का कड़ा विरोध किया था, जिसके परिणामस्वरूप महायुति सरकार ने इस फैसले को फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया है. इस अवसर पर मराठी एकजुटता की जीत का जश्न मनाने के लिए आज सुबह 10 बजे वरली के एनएससीआई डोम में विजय सभा का आयोजन किया जा रहा है.
रैली में किसी भी पार्टी का झंडा न लाने की अपील
इस उत्सव में भाग लेने के लिए सभी मराठी प्रेमियों, साहित्यकारों, लेखकों, कवियों, शिक्षकों, संपादकों और कलाकारों को आमंत्रित किया गया है. विशेष रूप से, इस सभा में किसी भी राजनीतिक पार्टी का झंडा लाने से मना किया गया है, और सभी दलों के नेताओं से मराठी अस्मिता के मुद्दे पर एकजुट होने की अपील की गई है.
पिछले दो दशकों में उद्धव और राज ठाकरे ने राजनीति में कई उतार-चढ़ाव का सामना किया है. आगामी महानगरपालिका चुनाव उनके लिए अस्तित्व की चुनौती बनकर उभरे हैं. इस संदर्भ में, सत्ताधारी पक्ष का कहना है कि यह एकजुटता केवल मराठी समुदाय के लिए नहीं, बल्कि चुनावी रणनीति के तहत है.
कब-कब एक साथ आए राज-उद्धव ठाकरे?
17 जुलाई 2012 को उद्धव ठाकरे को छाती में दर्द के कारण लीलावती अस्पताल में भर्ती किया गया.
10 जनवरी 2015 को जहांगीर आर्ट गैलरी में उद्धव ठाकरे की फोटो प्रदर्शनी में राज ठाकरे ने भाग लिया.
12 दिसंबर 2015 को शरद पवार के अमृतमहोत्सव जन्मदिन पर दोनों नेता एक मंच पर नजर आए.
27 जनवरी 2019 को राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे की शादी में उद्धव ठाकरे शामिल हुए.
28 नवंबर 2019 को उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जिसमें राज ठाकरे भी उपस्थित थे.
23 जनवरी 2021 को बाला साहेब की पूर्णाकृति प्रतिमा के अनावरण समारोह में भी दोनों नेता एक साथ थे.
22 दिसंबर 2024 को राज ठाकरे की बहन जयवंती ठाकरे-देशपांडे के बेटे की शादी में उद्धव ठाकरे की उपस्थिति रही.
24 फरवरी 2025 को एक सरकारी अधिकारी के बेटे की शादी में भी उद्धव ठाकरे शामिल हुए.
वास्तव में, 2014 और 2017 के बीच शिवसेना और मनसे के बीच एकजुटता की कोशिशें बढ़ी थीं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि किसे किसका समर्थन मिलेगा. मनसे ने उद्धव ठाकरे की ओर से उचित प्रतिक्रिया न मिलने का आरोप भी लगाया था. वर्तमान में, राजनीतिक संकट के बीच ठाकरे बंधुओं के बीच किसी प्रकार के मेल-मिलाप की संभावना पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं, ताकि वे अपने राजनीतिक अस्तित्व को बनाए रख सकें.
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