Vandan Foods IPO: वंदन फूड्स लिमिटेड का SME IPO 30 जून से 2 जुलाई 2025 तक खुला था. लेकिन इस दौरान SME सेक्टर के IPO में जिस तरह का जोश आमतौर पर देखने को मिलता है, वैसा उत्साह इस इश्यू के लिए नहीं दिखा.

IPO का साइज लगभग 30.36 करोड़ रुपये था, जिसमें कंपनी ने 26.40 लाख इक्विटी शेयर जारी किए.

अब कंपनी का शेयर 7 जुलाई को BSE SME प्लेटफॉर्म पर लिस्ट होगा. लेकिन लिस्टिंग से पहले ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) से जो संकेत मिल रहे हैं, वे फ्लैट लिस्टिंग की संभावना को और मजबूत कर रहे हैं.

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Vandan Foods IPO
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सब्सक्रिप्शन एनालिसिस: रिटेल निवेशकों ने दिखाई दिलचस्पी, QIB रहे ठंडे (Vandan Foods IPO)

IPO को कुल 1.75 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, जो मौजूदा बाजार ट्रेंड की तुलना में काफी कम है.

  • रिटेल कैटेगरी: 3.09 गुना
  • क्यूआईबी कैटेगरी: केवल 0.41 गुना
  • एनआईआई: औसत

इसका मतलब है कि इस इश्यू में सिर्फ छोटे निवेशकों ने ही कुछ उत्साह दिखाया, जबकि संस्थागत निवेशकों का भरोसा कमजोर रहा.

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GMP में उतार-चढ़ाव: पहले बढ़ा, फिर गिरा (Vandan Foods IPO)

IPO खुलने से पहले वंदन फूड्स का GMP ₹20 था, जो ₹115 के कैप प्राइस पर 17.3% का प्रीमियम दिखा रहा था. अगले दिन यह GMP ₹25 तक पहुंच गया. ऐसा लगने लगा था कि लिस्टिंग ब्लॉकबस्टर हो सकती है.

लेकिन सब्सक्रिप्शन में सुस्ती के चलते आखिरी दिन GMP शून्य हो गया.
इसका साफ मतलब है कि लिस्टिंग ₹115 पर हो सकती है — यानी नो प्रॉफिट, नो लॉस की स्थिति.

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वंदन फूड्स का बिज़नेस मॉडल क्या है? (Vandan Foods IPO)

वंदन फूड्स लिमिटेड का मुख्य कारोबार रिफाइंड FSG कैस्टर ऑयल और कैस्टर ऑयल केक के उत्पादन से जुड़ा है. कंपनी B2B और B2C दोनों क्षेत्रों में काम करती है और सप्लाई चेन से लेकर क्वालिटी कंट्रोल तक हर पहलू पर ध्यान देती है.

कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट गुजरात में है और इसके उत्पाद हरियाणा, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और बिहार जैसे राज्यों में सप्लाई किए जाते हैं.

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IPO से जुटाए फंड का इस्तेमाल (Vandan Foods IPO)

कंपनी इस फंड का उपयोग निम्नलिखित कार्यों में करेगी:

  • वर्किंग कैपिटल की जरूरतें पूरी करने
  • कर्ज चुकाने
  • ढिनोस सुविधा का विस्तार
  • सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए

हालांकि निवेशकों को इन उपयोगों में वह ग्रोथ पोटेंशियल नहीं दिखा, जो वे आमतौर पर FMCG या टेक सेक्टर के IPOs में तलाशते हैं.

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निवेशकों के लिए चेतावनी संकेत? (Vandan Foods IPO)

  • कमजोर GMP
  • कम सब्सक्रिप्शन
  • QIB की दिलचस्पी नहीं
  • फ्लैट लिस्टिंग की संभावना

इन सभी संकेतों से स्पष्ट है कि वंदन फूड्स का IPO शॉर्ट टर्म में तेज मुनाफे वाला सौदा नहीं लग रहा है. हालांकि, लॉन्ग टर्म निवेश के लिहाज से कंपनी के प्रोडक्ट सेगमेंट और क्लाइंट बेस को ध्यान में रखकर विचार किया जा सकता है.

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