शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल एक बार फिर से तनखैया करार दिया गया है। इसके पहले भी वह अपनी गलतियों के कारण तनखइया घोषित हो चुके हैं। इस बार श्री पटना साहिब ने सुखबीर बादल को यह सजा सुनाई है। सजा का कारण बताया गया है कि सुखबीर बादल को पांच प्यारो ने हाजिर होने के लिए कहा था, लेकिन वह निर्धारित समय पर नहीं पेश हुए, जिस कारण उन्हें यह सजा दी गई है।
अब तनखइया घोषित होने के बाद उन्हें अलग अलग तरह की सजा सुनाई जाएगी। इसके पहले श्री अकाल तख्त साहिब ने 30 अगस्त 2024 को सुखबीर बादल को तनखैया करार किया था। सुखबीर बादल के विरोधी गुट के नेताओं ने साल 2007 से 2017 के बीच अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के दौरान लिए गए कुछ धार्मिक फैसलों पर सवाल उठाए थे। अभी सुखबीर बादल की सजा पेंडिंग है।

क्यों घोषित किया जाता है तनखइया
आपको बता दें कि सिख पंथ के अनुसार कोई भी सिख अगर धार्मिक तौर पर कुछ गलत करता है तो उसे तनखैया करार दिया जाता है। इसका फैसला सिखों का सर्वोच्च तख्त अकाल तख्त साहिब से किया जाता है। तनखैया घोषित होने के बाद संबंधित व्यक्ति सिख संगत के सामने हाजिर होकर अपनी गलती के लिए क्षमा मांग सकता है। इसके अलावा श्री गुरु ग्रंथ साहिब की हाजिरी में उसके गुनाह की समीक्षा की जाती है। फिर उसी हिसाब से दंड तय किया जाता है।
- नर्मदा पुल पर बेशर्मी की हद: शराब पीते बोतल लहराकर युवक ने धुरंधर’ के ट्रेडिंग सॉन्ग पर बनाई रील, Video वायरल
- ठंड में क्यों खाएं गुड़-घी-तिल? जानिए इम्यूनिटी और एनर्जी बढ़ाने का देसी राज
- IndiGo के CEO ने कर्मचारियों को भेजा भावुक सन्देश, कहा- ‘बुरा वक्त बीत चुका…’
- समीक्षा रिपोर्ट में निचले पायदान पर रहने वाले अंचलों के सीओ को खड़ा कराकर डिप्टी सीएम ने लगाई कड़ी फटकार, विजय सिन्हा ने सीधे किया सवाल
- रोहतास में आवारा कुत्तों का आतंक, रहवासियों को बना रहे अपना शिकार, अस्पताल में 15 से अधिक लोगों का चल रहा इलाज


