Rajasthan News: जयपुर. राजस्थान पुलिस ने एक सनसनीखेज मामले में फर्जी सब-इंस्पेक्टर मोना बुगोलिया को सीकर से गिरफ्तार किया है। शास्त्रीनगर थाना पुलिस के अनुसार, मोना ने राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए) में फर्जी पुलिस वर्दी पहनकर न केवल परेड ग्राउंड में हिस्सा लिया, बल्कि वरिष्ठ अधिकारियों के साथ फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर रौब भी जमाया।

उसने स्टेज से प्रेरणादायक भाषण दिए और लोगों को करियर व पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करने का दिखावा किया।पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि मोना ने 2023 में आरपीए में 8-10 महीने तक नियमित रूप से फर्जी सब-इंस्पेक्टर के रूप में प्रवेश किया। उसने खुद को स्पोर्ट्स कोटा का सब-इंस्पेक्टर बताकर किसी को शक होने नहीं दिया। मोना ने सब-इंस्पेक्टर की परीक्षा दी थी, लेकिन असफल रही। इसके बावजूद, उसने दोस्तों और समाज में रुतबा बनाने के लिए झूठ फैलाया और सब-इंस्पेक्टरों के व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल हो गई।
कैसे खुला राज?
आरपीए में प्रशिक्षण ले रहे कुछ ट्रेनी सब-इंस्पेक्टरों को मोना की गतिविधियों पर संदेह हुआ। उनकी शिकायत के बाद उच्च अधिकारियों ने जांच शुरू की, जिससे मोना का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। पुलिस ने बताया कि मोना सामान्य परिवार से है, उसके पिता ट्रक ड्राइवर हैं और उसकी चार बहनें हैं। उसने महज शौक और मौज-मस्ती के लिए पुलिस की वर्दी पहनी थी।
पुलिस ने लगाई सख्त धाराएं
मोना के खिलाफ आईपीसी की धारा 419 (धोखाधड़ी), 466 (दस्तावेजों में जालसाजी), और 468 (जालसाजी के उद्देश्य से धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या उसने अन्य स्थानों पर भी ऐसा फर्जीवाड़ा किया।
आरपीए ने दावा किया है कि क्लासरूम और इनडोर प्रशिक्षण में फर्जी व्यक्तियों का प्रवेश असंभव है, लेकिन इस मामले ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।पुलिस का कहना है कि मोना दो साल से फरार थी और शास्त्रीनगर में मुकदमा दर्ज होने के बाद उसकी तलाश तेज कर दी गई थी। यह घटना राजस्थान पुलिस के लिए एक सबक है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और सख्ती बरतनी होगी।
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