Bihar News: पटना में आज शनिवार को आयोजित राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लालू प्रसाद यादव को एक बार फिर पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। यह उनका 13वां कार्यकाल होगा, जो 2028 तक जारी रहेगा। अधिवेशन का आयोजन राजधानी पटना के बाबू सभागार में हुआ, जिसकी अध्यक्षता पार्टी के राष्ट्रीय निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. रामचंद्र पूर्वे ने की।

23 जून को किया था नामांकन

लालू यादव ने 23 जून को पटना स्थित पार्टी कार्यालय में अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया था, और उनके खिलाफ किसी अन्य नेता ने पर्चा नहीं भरा। इसके चलते उन्हें निर्विरोध चुना गया। घोषणा के बाद लालू यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मंच से पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। इस मौके पर तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव, मीसा भारती समेत पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता, सांसद, विधायक और कार्यकर्ता मौजूद रहे।

राबड़ी देवी का पारिवारिक विवाद पर तोड़ी चुप्पी

बैठक को संबोधित करते हुए राबड़ी देवी ने पहली बार तेजस्वी और तेजप्रताप यादव के बीच चल रही पारिवारिक तनातनी पर सार्वजनिक टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “हमारे बोलने से क्या होगा, हर घर में बंटवारा होता है।” उनके इस बयान को पारिवारिक मतभेदों पर चुप्पी तोड़ने के रूप में देखा जा रहा है।

इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “बिहार में बेरोजगारी कोई नई बात नहीं है। बीते 20 वर्षों में सरकार ने कुछ नहीं किया। हमने अपने शासन में बिहार को कारखाने दिए, लेकिन NDA सरकार ने विकास की दिशा में कुछ खास नहीं किया।”

“मेरे बेटे ही उठाएंगे लालटेन”

लालू यादव ने साल 1997 से 2005 तक राज्य की सत्ता पर पकड़ बनाए रखी। बीच में नीतीश कुमार ने 7 दिन के लिए मुख्यमंत्री पद संभाला, लेकिन 2015-2017 और फिर 2022 से फरवरी 2024 तक लालू-नीतीश की जोड़ी ने फिर सरकार चलाई।

लालू प्रसाद यादव ने कई मौकों पर अपने भाषणों में यह स्पष्ट कर चुके हैं कि उनके बेटे ही पार्टी की विचारधारा को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा था कि, “मेरे बेटे लालटेन ही उठाएंगे, नीतीश कुमार अपने बेटे की चिंता करें।”

मीसा भारती का पार्टी में बढ़ता कद

लालू यादव ने अपनी बड़ी बेटी मीसा भारती को लगातार राजनीतिक मंच पर अहम भूमिका दी है। दो बार पाटलिपुत्र सीट से हारने के बावजूद उन्हें तीसरी बार फिर से टिकट दिया गया, और इस बार उन्होंने जीत हासिल की। साथ ही, लालू ने उन्हें दो बार राज्यसभा भी भेजा है, जिससे पार्टी में उनके कद में इज़ाफा हुआ है।

लालू यादव का एक बार फिर से पार्टी की कमान संभालना यह दर्शाता है कि RJD में अब भी उनका नेतृत्व निर्विवाद है। वहीं, राबड़ी देवी की पारिवारिक मुद्दों पर टिप्पणी ने साफ कर दिया कि पार्टी घर के भीतर चल रही खींचतान को लेकर अब खुलकर सामने आ रही है।

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