Rajasthan Politics: राजस्थान की राजनीति में एक नया मोड़ तब आया, जब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अचानक ट्रेंड करने लगे। लेकिन वजह कोई सरकारी योजना या विकास कार्य नहीं, बल्कि भजनलाल हटाओ, राजस्थान बचाओ के नारे के साथ। देखते ही देखते यह हैशटैग ट्रेंडिंग टॉपिक बन गया, और अब तक इसके साथ सवा चार लाख से अधिक पोस्ट किए जा चुके हैं। इस डिजिटल तूफान ने राज्य की सियासत को नए सिरे से गरमा दिया है।

कांग्रेस ने #भजनलाल_हटाओ_राजस्थान_बचाओ ट्रेंड को जनता की आवाज बताया। पार्टी प्रवक्ता यशवर्धन सिंह ने कहा, यह केवल एक हैशटैग नहीं, बल्कि राजस्थान की जनता की नाराज़गी का प्रतीक है। कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति, बढ़ती बेरोजगारी, किसानों की उपेक्षा और मंत्रियों की मनमानी ने लोगों को निराश किया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जमीनी हकीकत से कट चुकी है और अब जनता सोशल मीडिया के माध्यम से अपना असंतोष ज़ाहिर कर रही है। जैसे ही विरोधी ट्रेंड ने गति पकड़ी, भाजपा की आईटी सेल एक्शन में आ गई। सरकार की उपलब्धियों को सामने रखते हुए उन्होंने #भजनलालमतलबभरोसा जैसे हैशटैग के साथ जवाबी मुहिम शुरू की। पोस्टों में मुख्यमंत्री शर्मा के कार्यकाल में शुरू की गई योजनाओं, पारदर्शी प्रशासन और जनकल्याणकारी पहलों को गिनाया गया।

बीजेपी समर्थकों ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि यह ट्रेंड विपक्ष द्वारा प्रायोजित है, जो जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा राज्य में स्थिर और भरोसेमंद नेतृत्व दे रहे हैं।

इस डिजिटल हलचल के बीच पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का एक पुराना बयान फिर सुर्खियों में आ गया है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भजनलाल शर्मा को हटाने की साजिश भाजपा के भीतर ही चल रही है दिल्ली से जयपुर तक।

अब जब भजनलाल हटाओ जैसा नारा ट्रेंड कर रहा है, तो इन अटकलों को और बल मिल रहा है कि पार्टी के भीतर भी कुछ खिचड़ी पक रही है। इतना ही नहीं कुछ दिन पहले सांगनेर में सीएम के लापता होने के भी पोस्टर का मामला भी सामने आया था।

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