Rajasthan Politics: राजस्थान कांग्रेस ने संगठन को सक्रिय और जवाबदेह बनाने के उद्देश्य से बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर ली है। शनिवार को जयपुर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की एक अहम बैठक हुई, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। बैठक में जहां एक ओर भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति पर चर्चा हुई, वहीं संगठन में बड़े बदलावों के संकेत भी साफ तौर पर दिए गए।

प्रदेश प्रभारी रंधावा ने बैठक के दौरान स्पष्ट किया कि पार्टी संगठन में अब वही टिकेगा जो ज़मीनी स्तर पर सक्रिय और परिणाम देने वाला होगा। उन्होंने कहा कई जिलाध्यक्षों के पद खाली हैं जिन्हें जल्द भरा जाएगा, लेकिन जो पदाधिकारी निष्क्रिय हैं उन्हें हटाने से भी गुरेज़ नहीं किया जाएगा।

इस बयान को राजस्थान कांग्रेस में संभावित बड़े फेरबदल की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। बैठक में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कार्यकर्ताओं से कहा कि अब सिर्फ विरोध के प्रतीकों से आगे बढ़कर जनता के बीच जाकर काम करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा पुतले जलाने से कुछ नहीं होगा। कार्यकर्ताओं को आम लोगों के दुख-दर्द में शामिल होना होगा। संगठन की मजबूती ही सत्ता की कुंजी है।
डोटासरा ने संगठन को जमीनी कार्य से जोड़ने पर बल देते हुए कहा कि पार्टी तभी सत्ता में लौटेगी जब कार्यकर्ता जनता के बीच विश्वास कायम करेंगे।

नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के घर की बिजली काटे जाने पर डोटासरा ने कहा बेनीवाल का तो सिर्फ बिजली कटी है, मेरे घर पर चुनाव के समय ईडी भेज दी गई थी। ये सब दबाव की राजनीति का हिस्सा है। वहीं, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर निशाना साधते हुए डोटासरा ने दोहराया सरकार तो पांच साल चलेगी, लेकिन सीएम की पर्ची कभी भी बदल सकती है।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था चरमरा गई है और सरकार पूरी तरह असफल हो चुकी है। उन्होंने कहा कांग्रेस संगठन लगातार सक्रिय है जबकि भाजपा सरकार खुद ट्रेंड्स का सहारा लेकर अपनी विफलताओं को ढकने का प्रयास कर रही है। जनता सब देख रही है और हिसाब मांग रही है।

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