पटना। बिहार की राजधानी पटना (patna rojgar mela 2025)में 19 जुलाई को एक बड़े रोजगार मेले का आयोजन किया जा रहा है। यह जॉब फेयर पटना के ज्ञान भवन (Bihar Job Fair Gyan Bhawan)में आयोजित होगा, जिसमें देशभर की करीब 200 कंपनियां भाग लेंगी। इस रोजगार मेले में 5000 से अधिक युवाओं को नौकरी देने का लक्ष्य तय किया गया है। युवाओं के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया तीन माध्यमों से की जा सकती है—ऑनलाइन लिंक, मिस्ड कॉल सेवा और ऑफलाइन फॉर्म के जरिए जिला स्तर पर। रोजगार मेले में फार्मा, आईटी, ई-सेक्टर, और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। उम्मीदवारों के लिए ऑन-द-स्पॉट इंटरव्यू और उसी समय ऑफर लेटर देने की व्यवस्था भी की गई है। 12वीं पास से लेकर पीएचडी डिग्री धारक युवा इस रोजगार मेले में हिस्सा ले सकते हैं।

यूथ कांग्रेस की पहल

बिहार यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिव प्रकाश गरीबदास ने बताया कि यह मेला पूरी तरह मुफ्त रजिस्ट्रेशन पर आधारित है। उन्होंने कहा कि जो युवा डिग्री लेकर बेरोजगार हैं, वे अपना बायोडाटा लेकर आएं, हम उन्हें मौके पर ही रोजगार देने की कोशिश करेंगे। शिव प्रकाश ने कहा कि यह आयोजन यह दिखाने के लिए है कि कांग्रेस सरकार में ना रहकर भी लोगों के लिए काम कर सकती है। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार और बिहार की नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि डबल इंजन सरकार वोटबंदी,नोटबंदी, रोजगारबंदी की प्रतीक बन चुकी है। बिहार में नौकरी पूरी तरह बंद हो गई है।

एक ठोस कदम बताया

यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु ने कहा कि जहां युवाओं (patna rojgar mela 2025 news )को रोजगार की जरूरत है वहां उन्हें नशे की ओर धकेला जा रहा है। उन्होंने रोजगार मेले को युवा सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम बताया।

राज्यभर में ऐसे मेले लगाए जाएंगे

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने भी कार्यक्रम में भागीदारी की पुष्टि करते हुए कहा कि जो काम सरकार को करना चाहिए था, वह अब कांग्रेस कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा और राज्यभर में ऐसे मेले लगाए जाएंगे।

हत्याकांड पर तीखी प्रतिक्रिया

राजेश राम ने बिहार के उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या को लेकर गहरी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ कानून व्यवस्था की विफलता नहीं, बल्कि सरकार के पूरी तरह फेल होने का संकेत है। उन्होंने नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की और एनडीए सहयोगियों चिराग पासवान व जीतनराम मांझी से समर्थन वापस लेने की अपील की। इस रोजगार मेले को कांग्रेस ने न सिर्फ नौकरी दिलाने का अवसर बताया, बल्कि बेरोजगारी के खिलाफ एक राजनीतिक संदेश के तौर पर भी पेश किया है।