Rajasthan News: बांसवाड़ा: राजस्थान की भजनलाल सरकार के कैबिनेट मंत्री बाबूलाल खराड़ी के बेटे देवेंद्र खराड़ी पर धोखाधड़ी से जमीन खरीदने का गंभीर आरोप लगा है. छोटी सरवन तहसील के मरगली गांव में 52 बीघा जमीन को लेकर विवाद सामने आया है. स्थानीय लोगों का दावा है कि यह जमीन उनके पूर्वजों की है और वे पिछले 50 साल से इस पर काबिज हैं. इसके बावजूद, दलालों के माध्यम से यह जमीन देवेंद्र खराड़ी के नाम रजिस्ट्री कर दी गई.

मरगली गांव के शंभू, अर्जुन, धन्नालाल, देवजी सहित कई निवासियों ने शुक्रवार को बांसवाड़ा जिला कलेक्टर और छोटी सरवन तहसीलदार युसूफ खान को ज्ञापन सौंपकर जमीन का हक दिलाने की मांग की. ग्रामीणों ने बताया कि करीब 50 साल पहले उनके पूर्वजों ने यह जमीन प्रतापगढ़ के टीला ग्राम पंचायत, नाकोर निवासी नाथूलाल पुत्र वजिया, रूपा पुत्र जीवा और परथा से खरीदी थी. खरीद के लिखित दस्तावेज भी मौजूद हैं, लेकिन उस समय रजिस्ट्री नहीं कराई गई. जमीन बेचने वालों ने कहा था कि जब चाहें रजिस्ट्री करा सकते हैं, लेकिन विश्वास के चलते ग्रामीणों ने रजिस्ट्री नहीं कराई. अब बेचने वालों ने नीयत बदलकर यह जमीन दो महीने पहले देवेंद्र खराड़ी को बेच दी.

45 बीघा की रजिस्ट्री, 7 बीघा बाकी

ग्रामीणों के अनुसार, 52 बीघा जमीन में से 45 बीघा की रजिस्ट्री हो चुकी है, जबकि 7 बीघा की रजिस्ट्री बाकी है. इस सौदे में दलाल रमेश और महेंद्र पुत्र वागजी ने अहम भूमिका निभाई. जमीन की कीमत प्रति बीघा करीब 50 हजार रुपये बताई जा रही है. यह जमीन परमाणु बिजली घर से मात्र 5 किलोमीटर दूर है. जमाबंदी की नकल में देवेंद्र खराड़ी का नाम दर्ज हो चुका है.

ग्रामीणों की मांग: रजिस्ट्री निरस्त हो

ज्ञापन सौंपने वाले ग्रामीणों शंभू, अर्जुन, धन्नालाल, कालूराम, रमण, अनिल, राजू, कांप देवी, मीरा, दरिया, इंदिरा, बबली, नामकी गौड़, गवरा, बालूराम, विनोद, राकेश, सूरजमल, चंदू मीणा, पवन रावत, प्रभुलाल कटारा, विकास डिंडोर, लक्ष्मण निनामा, संतोष खड़िया, प्रवीण रावत और ईश्वरलाल खड़िया ने रजिस्ट्री को निरस्त करने की मांग की है. उनका कहना है कि उनके साथ धोखा हुआ है, क्योंकि जमीन पर उनका कब्जा है और उनके पास खरीद के दस्तावेज भी हैं.

पढ़ें ये खबरें