Rajasthan Politics: राजस्थान की राजनीति में बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाला एक बार फिर सुर्खियों में है। इस घोटाले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। विवाद की ताज़ा कड़ी जुड़ी है शेखावत की दिवंगत मां का नाम सार्वजनिक तौर पर लेने और मानहानि केस को लेकर हुई तकरार से।

क्या है संजीवनी घोटाला?

राजस्थान की संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी पर सैकड़ों निवेशकों से करोड़ों की ठगी का आरोप है। आरोप है कि सोसायटी ने निवेश का झांसा देकर बड़ी संख्या में लोगों की रकम डुबोई। जांच में कई राजनीतिक नाम सामने आए, जिनमें गजेंद्र सिंह शेखावत और उनके परिजनों का भी ज़िक्र हुआ।

गहलोत की टिप्पणी, शेखावत का विरोध

मार्च 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि इस घोटाले में शेखावत के परिवार के सदस्य, जिनमें मां, पत्नी और पिता शामिल हैं, की भूमिका रही है। उन्होंने दावा किया था कि एसओजी (SOG) की जांच में शेखावत की संलिप्तता प्रमाणित हुई है।

SOG रिपोर्ट में क्या कहा गया?

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने हाईकोर्ट में बताया था कि 12 अप्रैल 2023 की एसओजी रिपोर्ट में गजेंद्र सिंह शेखावत, उनकी पत्नी, माता-पिता समेत 68 लोगों को आरोपी माना गया है। रिपोर्ट के अनुसार, निवेशकों से ठगी करने वाली कंपनियों से शेखावत का सीधा संबंध होने की जांच चल रही है। रिपोर्ट का पेज 7 खासतौर पर इस संबंध में उल्लेखनीय है।

शेखावत का पलटवार: मानहानि केस वापस नहीं लेंगे

अशोक गहलोत ने हाल ही में शेखावत से उनके खिलाफ दर्ज मानहानि का केस वापस लेने की अपील की थी। लेकिन गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा कि गहलोत ने सार्वजनिक मंच पर उनकी दिवंगत मां का नाम घसीटकर उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है। शेखावत ने स्पष्ट कर दिया है कि वे यह केस वापस नहीं लेंगे।

कानूनी प्रक्रिया और राजनीतिक बयानबाजी जारी

इस पूरे प्रकरण को लेकर दिल्ली की अदालत में शेखावत द्वारा गहलोत के खिलाफ दर्ज मानहानि केस अभी लंबित है। अक्टूबर 2023 में दिल्ली सेशन कोर्ट ने इस पर अंतिम आदेश नहीं दिया, जबकि दिसंबर 2023 में हाईकोर्ट ने गहलोत से जवाब मांगा और जनवरी 2024 में सुनवाई की तारीख तय की गई थी। अब तक इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं आया है।

आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी

संजीवनी घोटाला अब केवल आर्थिक घोटाले तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह एक सियासी और व्यक्तिगत प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुका है। दोनों नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी का दौर जारी है, जिससे यह मामला 2025 की राजस्थान राजनीति का एक बड़ा मुद्दा बनकर उभर रहा है।

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