PM Modi In BRICS Summit: ब्राजील के रियो डी जनेरियो में रविवार (6 जुलाई 2025) को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ। सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। सम्मेलन में सदस्य देशों ने 31 पेज और 126 पॉइंट वाला एक जॉइंट घोषणा पत्र जारी किया। इसमें पहलगाम आतंकी हमले और ईरान पर इजराइली हमले की निंदा की गई।

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BRICS के मंच से प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता के समक्ष सबसे बड़ा खतरा है। पीएम मोदी ने शांति और भाईचारे के प्रति भारत की प्रतिबद्धता जताते हुए पड़ोसी मुल्क पर निशाना साधते हुए कहा कि दोहरे मानदंडों की कोई जगह नहीं है। अगर कोई देश आतंकवाद का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थन करता है तो उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। आतंकियों पर प्रतिबंध लगाने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए।

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ब्रिक्स में पीस एंड सिक्योरिटी एंड रिफॉर्म ऑफ ग्लोबल गवर्नेंस सत्र के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद का समर्थन या इसकी मौन सहमति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पीएम मोदी ने सभी देशों से इस पर निर्णायक फैसला लेने को कहा है। उन्होंने कहा कि भारत महात्मा गांधी और गौतम बुद्ध से प्रेरित होकर शांति के मार्ग पर आगे बढ़ता रहेगा। फिर चाहे परिस्थितियां कितनी भी मुश्किल हो, शांति मानवता के कल्याण के लिए सबसे बेहतरीन मार्ग रहेगा।

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PM ने कहा, ’20वीं सदी में बनाई गईं वैश्विक संस्थाएं 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने में नाकाम हैं। AI के दौर में तकनीक हर हफ्ते अपडेट होती है, लेकिन एक वैश्विक संस्थान 80 सालों में एक बार भी अपडेट नहीं होता। 20वीं सदी के टाइपराइटर 21वीं सदी के सॉफ्टवेयर को नहीं चला सकते।’

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PM मोदी के भाषण की अन्य प्रमुख बातें…

ग्लोबल साउथ के साथ भेदभाव:

  1. PM मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ डेवलपमेंट, रिसोर्स डिस्ट्रीब्यूशन और सुरक्षा जैसे मुद्दों में दोहरे मापदंड का शिकार रहा है।
  2. ग्लोबल साउथ के हितों को प्राथमिकता नहीं दी गई, लेकिन भारत हमेशा मानवता के हित में अपने स्वार्थों से ऊपर उठकर काम करता है।

ब्रिक्स का विस्तार और सुधार:

  1. ब्रिक्स का विस्तार और नए देशों का शामिल होना इसकी समय के साथ बदलने की क्षमता को दर्शाता है।
  2. PM मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC), विश्व व्यापार संगठन (WTO) और न्यू डेवलपमेंट बैंक में सुधार की जरूरत पर बल दिया।

आतंकवाद पर कड़ा रुख:

  1. PM मोदी ने आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती बताया।
  2. 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला भारत की आत्मा, पहचान, और गरिमा पर हमला है, जो पूरी मानवता के खिलाफ है।

आतंकवाद पर सख्ती की मांग:

  1. आतंकवाद की निंदा को सिद्धांत बनाना चाहिए, न कि सुविधा के आधार पर।
  2. आतंकियों पर प्रतिबंध लगाने में कोई हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए। आतंकवाद के पीड़ितों और समर्थकों को एक ही तराजू पर नहीं तौला जा सकता।
  3. व्यक्तिगत या राजनीतिक फायदे के लिए आतंकवाद को मौन समर्थन देना स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

शांति और सहयोग पर जोर:

  1. पश्चिम एशिया से यूरोप तक फैले विवाद और तनाव पर चिंता जताई, खासतौर से गाजा की स्थिति पर।
  2. भारत, बुद्ध और गांधी की धरती है, वह युद्ध और हिंसा को खारिज करता है। शांति ही मानवता के कल्याण का एकमात्र रास्ता है।
  3. भारत दुनिया को विभाजन और संघर्ष से दूर ले जाने और संवाद, सहयोग, और एकता की दिशा में ले जाने की हर कोशिश का समर्थन करता है।
  4. भारत सभी मित्र देशों के साथ सहयोग और साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है।

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ब्रिक्स देशों के जॉइंट घोषणा पत्र की प्रमुख बातें…

  • नए सदस्य और भागीदार देश: इंडोनेशिया को ब्रिक्स का पूर्ण सदस्य बनाया गया।बेलारूस, बोलीविया, कजाकिस्तान, क्यूबा, नाइजीरिया, मलेशिया, थाईलैंड, वियतनाम, युगांडा, और उज्बेकिस्तान को ब्रिक्स भागीदार देश के रूप में शामिल किया गया।
  • संयुक्त राष्ट्र में भारत और ब्राजील की भूमिका: चीन और रूस ने संयुक्त राष्ट्र, खासतौर पर सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत और ब्राजील की बड़ी भूमिका का समर्थन किया।
  • जलवायु परिवर्तन और COP30: ब्रिक्स देशों ने COP30 की सफलता के लिए प्रतिबद्धता जताई, जो UNFCCC और पेरिस समझौते को लागू करने में मदद करेगा।भारत की 2028 में COP33 की मेजबानी की उम्मीदवारी का स्वागत किया गया।
  • अवैध प्रतिबंधों की निंदा: ब्रिक्स देशों ने उन एकतरफा प्रतिबंधों की निंदा की जो अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के खिलाफ हैं
  • ग्लोबल ट्रेड: एकतरफा टैरिफ लगाने के फैसलों पर चिंता जताई गई, जो विश्व व्यापार संगठन (WTO) नियमों के खिलाफ हैं।पारदर्शी, और समावेशी ट्रेड सिस्टम का समर्थन किया गया, जिसमें विकासशील देशों से बिना भेदभाव का व्यवहार शामिल है।
  • आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता: आतंकवाद को किसी धर्म, देश, सभ्यता या जातीय समूह से जोड़ने से इनकार किया गया।22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और ईरान पर इजराइली हमले की कड़ी निंदा की गई।संयुक्त राष्ट्र की तरफ से घोषित आतंकवादियों और आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग की गई।आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस और दोहरे मापदंड को खारिज करने पर जोर दिया गया।
  • बिग कैट्स अलायंस: भारत की ‘इंटरनेशनल बिग कैट्स अलायंस’ पहल का स्वागत किया गया, जिसका मकसद दुर्लभ प्रजातियों, खासकर बड़ी बिल्लियों (जैसे शेर, बाघ) के संरक्षण के लिए सहयोग करना है।

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