दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण(Pollution Control) के लिए 1 नवंबर से BS-4 या इससे कम श्रेणी के वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने की प्रक्रिया तेज हो गई है. इस संबंध में दिल्ली परिवहन विभाग ने रविवार को सभी ट्रांसपोर्टरों के लिए एक सार्वजनिक सूचना जारी की है. अधिसूचना के अनुसार, 31 अक्टूबर की आधी रात के बाद दिल्ली में आवश्यक वस्तुओं का परिवहन करने वाले उन व्यावसायिक वाहनों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा जो निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करते हैं. इस आदेश से दिल्ली के ट्रांसपोर्टर असंतुष्ट हैं और वे 15 जुलाई को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा(Majindar Singh Sirsa) से मुलाकात करेंगे.

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वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा एक नवंबर से बीएस-2, बीएस-3 और बीएस-4 श्रेणी के व्यावसायिक वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर लगाए गए प्रतिबंध के कारण ट्रांसपोर्टरों में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है. उन्हें यह स्पष्ट नहीं है कि गैस, पेट्रोल-डीजल, दवा, सब्जियां, दूध और किराना सामान जैसे आवश्यक वस्तुओं को लाने वाले वाहनों को प्रवेश की अनुमति मिलेगी या नहीं.

परिवहन विभाग ने रविवार को स्थिति को स्पष्ट कर दिया है. विभाग द्वारा जारी की गई सार्वजनिक सूचना के अनुसार, बीएस-6 श्रेणी के वाहनों को छोड़कर अन्य श्रेणी के डीजल से चलने वाले बाहरी राज्यों के वाहनों का दिल्ली में प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा.

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इन वाहनों के प्रवेश पर कोई रोक नहीं है. अधिसूचना के अनुसार, बीएस-6 मानकों का पालन करने वाले व्यावसायिक डीजल वाहन, सीएनजी और एलएनजी से चलने वाले वाहन, इलेक्ट्रिक वाहन, तथा दिल्ली में पंजीकृत व्यावसायिक वाहन बिना किसी प्रतिबंध के प्रवेश कर सकते हैं.

व्यापारियों ने अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है कि दिल्ली के ट्रांसपोर्टर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के हालिया आदेश से असंतुष्ट हैं. उनका कहना है कि प्रतिदिन सैकड़ों वाहन दिल्ली में सामान लेकर आते हैं और यहां से अनलोडिंग के बाद अन्य राज्यों के लिए माल ले जाते हैं. इस नए आदेश के लागू होने से एक नवंबर से बाहरी राज्यों के वाहन दिल्ली में प्रवेश नहीं कर सकेंगे, जिससे न केवल दिल्ली में माल की कमी होगी, बल्कि ट्रांसपोर्टरों की आजीविका पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.