झारखंड में चर्चित 800 करोड़ के जीएसटी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को पीएमएलए की विशेष अदालत में चार आरोपी कारोबारियों के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग के अपराध के लिए चार्जशीट दायर की है। मामले में जिन्हे आरोपी बनाया गया है उनके नाम शिव कुमार देवड़ा, मोहित देवड़ा, अमित कुमार गुप्ता और अमित अग्रवाल उर्फ विक्की भालोटिया है।

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ईडी ने की थी छापेमारी की कार्रवाई

बता दें कि, ईडी ने आठ मई को छापेमारी के बाद कोलकाता से शिव कुमार देवड़ा को गिरफ्तार किया था, वहीं तीन अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी जमशेदपुर से हुई थी। जाँच एजेंसी के द्वारा बताया गया है कि डीजीजीआई जमशेदपुर द्वारा बड़े पैमाने पर जीएसटी धोखाधड़ी में शामिल एक सिंडिकेट के खिलाफ शिकायतों के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की गई थी। मामले की जांच में घोटाले में मास्टरमाइंड शिव कुमार देवड़ा व अमित अग्रवाल द्वारा संचालित सिंडिकेट की संलिप्तता है।

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कई राज्यों में फैला रखा था जाल

बता दें कि, इस सिंडिकेट ने कई राज्यों में 135 फर्जी कंपनियों का जाल बनाया था। इन फर्मों का इस्तेमाल बिना किसी वास्तविक माल की आपूर्ति के 5000 करोड़ रुपये के फर्जी चालान जारी करने, धोखाधड़ी से 800 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) बनाने और पास करने के लिए किया गया। फिर इस फर्जी क्रेडिट को कमीशन के लिए विभिन्न लाभार्थियों को बेच दिया गया, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।

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अबतक क्या हुई है कार्रवाई

झारखंड और प. बंगाल में विभिन्न परिसरों में पीएमएलए के तहत कई शहरों में तलाशी ली गई थी। एकत्र किए गए साक्ष्यों के आधार पर सिंडिकेट के चार सदस्य शिव कुमार देवड़ा, मोहित देवड़ा, अमित कुमार गुप्ता और अमित अग्रवाल उर्फ XXविक्की भालोटिया को 8 मई को गिरफ्तार किया गया था। चारों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। जांच के दौरान, अपराध की आय की पहचान की गई और उसे कुर्क किया गया। इसमें ₹5.30 करोड़ मूल्य की अचल संपत्तियां, तलाशी के दौरान जब्त की गई ₹9 लाख की नकदी और ₹63 लाख की बैंक बैलेंस शामिल हैं, जिन्हें फ्रीज कर दिया गया है। अपराध की आय का पूरा पता लगाने और धोखाधड़ी योजना के अन्य लाभार्थियों की पहचान करने के लिए आगे की जांच जारी है।

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