Sawan 2025: सावन का महीना शिवभक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है. इस पवित्र महीने में भक्त दूर-दूर से जल लेकर पैदल यात्रा करते हैं और ‘कावड़’ के रूप में भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं. इसे श्रद्धा, भक्ति और संकल्प की चरम अभिव्यक्ति माना जाता है.

लेकिन एक सवाल अक्सर भक्तों के मन में उठता है, यदि भगवान शिव ने मनोकामना पूरी कर दी तो कावड़ कितनी बार चढ़ाई जाए? क्या कोई विशेष नियम है?

Also Read This: Sawan 2025: भगवान शिव की कृपा पाने का सुनहरा मौका, जानें कब-कब हैं सावन सोमवार और खास व्रत

मान्यता क्या कहती है? (Sawan 2025)

हिंदू लोक मान्यताओं के अनुसार यदि आपकी कोई महत्वपूर्ण मनोकामना पूरी हो जाती है तो कम से कम एक बार कावड़ लेकर शिवधाम अवश्य जाना चाहिए. यह एक प्रकार की कृतज्ञता है. ईश्वर के प्रति आभार प्रकट करने का तरीका. हालांकि यह संख्या एक से अधिक भी हो सकती है. कई श्रद्धालु तीन बार, पाँच बार या ग्यारह बार तक कावड़ चढ़ाने का संकल्प लेते हैं.

यह पूरी तरह व्यक्तिगत आस्था और संकल्प पर निर्भर करता है. कुछ भक्त मनोकामना पूरी होने के बाद हर साल कावड़ ले जाते हैं, जबकि कुछ एक बार संकल्प पूरा कर उसे विराम दे देते हैं.

Also Read This: अश्विनी नक्षत्र में चंद्रमा का प्रवेश, इन राशियों को मिलेंगे नए अवसर

क्या है कावड़ ले जाने का नियम? (Sawan 2025)

कावड़ यात्रा हमेशा पैदल और नंगे पांव पूरी की जाती है.
जल किसी पवित्र नदी से लिया जाता है. गंगाजल को सर्वश्रेष्ठ माना गया है.
जल चढ़ाने तक कावड़ को जमीन पर नहीं रखा जाता.
संकल्पित कावड़ (मनोकामना से जुड़ी) को बेहद सावधानी और शुद्धता से पूरा किया जाता है.

Also Read This: Guru Purnima 2025 : 10 या 11 जुलाई जानिए कब मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा