भोपाल। मध्य प्रदेश में हाल ही में 9 भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारियों के तबादले को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इन तबादलों को लेकर प्रशासनिक अराजकता का आरोप लगाया और सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए।  मीडिया से बातचीत के दौरान पटवारी ने सवाल पूछते हुए कहा कि “ये तबादले क्यों होते हैं? खुद मुख्यमंत्री सचिवालय में, डेढ़ साल में चार प्रधान सचिव बदले जा चुके हैं। क्यों? क्या तर्क है? या तो वे सही लोगों का चयन नहीं कर पा रहे, या शायद मुख्यमंत्री की इच्छाएं पूरी नहीं हो रही हैं।” 

प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था में अराजकता की स्थिति- जीतू पटवारी 

पीसीसी चीफ ने आगे कहा कि लगातार हो रहे IAS अधिकारियों के तबादले राज्य में प्रशासनिक अस्थिरता को दर्शाते हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था में अराजकता की स्थिति है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। जीतू पटवारी ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा और कहा कि मुख्यमंत्री का हालिया बयान उनकी समझ की कमी को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘एक पर्ची पर चार लाइनों से कोई कानून बनता है क्या?’ यह उनकी भाषा और समझ को दर्शाता है।”

तबादलों के पीछे का कारण जनता के सामने स्पष्ट करें सरकार- जीतू पटवारी 

पटवारी ने दावा किया कि इन तबादलों के पीछे कोई स्पष्ट तर्क नहीं है और यह सरकार की अक्षमता को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि बार-बार के तबादले न केवल प्रशासनिक दक्षता को प्रभावित करते हैं, बल्कि नीतिगत निर्णयों में भी देरी का कारण बनते हैं। इसके साथ ही, उन्होंने सरकार से मांग की कि तबादलों के पीछे का कारण जनता के सामने स्पष्ट किया जाए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।  

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