मुंगेर। हवेली खड़गपुर थाना क्षेत्र के राजा सराय गांव के पास पहाड़ी इलाकों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ के बाद तीसरे दिन भी तलाशी अभियान जारी है। एसटीएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और जिला पुलिस की संयुक्त टीमें इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं।शनिवार शाम करीब 6:15 बजे तीन लाख के इनामी नक्सली सुरेश कोड़ा के दस्ते से एसटीएफ की मुठभेड़ हो गई। करीब एक घंटे तक दोनों ओर से जबरदस्त गोलीबारी हुई। नक्सलियों ने AK-47 से 125 राउंड फायर किए, वहीं एसटीएफ ने भी 80 राउंड गोलियों से जवाब दिया। इस मुठभेड़ में सुरेश कोड़ा घायल हो गया, लेकिन वह अपने दो साथियों बहादुर और नारायण कोड़ा के साथ अंधेरे और पहाड़ी रास्तों का फायदा उठाकर भाग निकला।
सुरेश को मुठभेड़ में गोली लगी
एसपी सैयद इमरान मसूद ने पुष्टि की है कि सुरेश को मुठभेड़ में गोली लगी है। हालांकि, वह इलाके की भौगोलिक जानकारी और ग्रामीणों की आड़ लेकर भाग निकला। बताया जा रहा है कि सुरेश कोड़ा ने गलियों की दीवारों का सहारा लिया और गांव के मवेशियों व किसानों को ढाल बनाकर तीन मैगजीन गोलियां चला दीं। सुरक्षाबलों ने उसे भागते हुए गिरते देखा, लेकिन वह जंगल में लंगड़ाता हुआ गायब हो गया।
ग्रामीणों में डर और गुस्सा दोनों
राजा सराय गांव में डर का माहौल है। लोग घरों से बाहर निकलने में हिचक रहे हैं। ग्रामीणों को आशंका है कि घायल नक्सली कोई बड़ी वारदात कर सकता है। साथ ही कई ग्रामीणों में पुलिस की नाकामी को लेकर नाराजगी भी है।
पुलिस के दावों पर उठे सवाल
इस घटना ने खड़गपुर क्षेत्र को नक्सल मुक्त बताने वाले पुलिस-प्रशासन के दावों की सच्चाई पर सवाल खड़ा कर दिया है। लंबे समय से दावा किया जा रहा था कि इलाके में नक्सल गतिविधियों का अंत हो चुका है, लेकिन सुरेश कोड़ा की सक्रियता ने इन दावों की पोल खोल दी है।
हिरन के चार सींग बरामद किए थे
गौरतलब है कि 21 मई को भी एसएसबी ने राजा सराय जंगल के एक घर से 865 जिंदा कारतूस और हिरन के चार सींग बरामद किए थे, जो इस क्षेत्र में नक्सल गतिविधियों की मौजूदगी की ओर इशारा करता है।
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