दिल्ली में यमुना नदी की सफाई एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है. विधानसभा चुनावों के दौरान, बीजेपी ने इसे प्रमुखता से उठाया और पूर्व की आम आदमी पार्टी सरकार पर तीखे हमले किए, जिससे उनकी जीत में यह एक महत्वपूर्ण कारक माना गया. अब लोगों की अपेक्षा है कि बीजेपी सरकार यमुना को जल्द से जल्द स्वच्छ और जीवंत बनाए. इस बीच, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक महत्वाकांक्षी मास्टर प्लान तैयार किया है, जिसमें गंगा नदी से लगभग 500 क्यूसेक पानी यमुना में लाने की योजना बनाई जा रही है.

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दिल्ली सरकार इस प्रस्ताव पर उत्तर प्रदेश सरकार के साथ गहन चर्चा कर रही है, और सूत्रों के अनुसार, इसे केंद्र सरकार के समक्ष भी प्रस्तुत किया गया है. इस योजना से यमुना का जलस्तर बढ़ने के साथ-साथ दिल्ली में जल संकट और प्रदूषण की समस्याओं का समाधान भी संभव होगा.

गंगा-यमुना का अनोखा मिलन कराने का प्लान

22 मई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें इस योजना पर विचार-विमर्श किया गया. बैठक में केंद्रीय शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर, जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी शामिल थीं. इस योजना के अंतर्गत, रुड़की से ऊपरी गंगा नहर के पानी को देओबंद फीडर ब्रांच के माध्यम से पूर्वी यमुना नहर तक पहुंचाया जाएगा. इसके बाद, यह पानी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भानियावाला, बरौत और लोनी के पास जावली के जरिए यमुना में प्रवाहित होगा. इसके लिए पुराने स्टॉर्मवाटर ड्रेन, जो पहले यमुना की सहायक नदियां थीं, को पुनः तैयार किया जाएगा.

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दिल्ली में यमुना की सेहत सुधारने की कोशिश

यह अतिरिक्त जल वजीराबाद से पहले यमुना में उपलब्ध होगा, जहां दिल्ली के 22 किलोमीटर के क्षेत्र में नदी का 76% से अधिक प्रदूषण होता है. यह पानी दिल्ली के माध्यम से प्रवाहित होगा और फिर आगरा नहर के जरिए नीचे की ओर निकाला जाएगा. हालांकि, एक महत्वपूर्ण शर्त है कि दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) इस जल का उपयोग शहर के लिए नहीं कर सकेगा. इस योजना को लागू करने के लिए उत्तर प्रदेश और ऊपरी यमुना नदी बोर्ड की सहमति भी आवश्यक होगी.

दिल्ली सरकार विभिन्न उपायों पर कार्यरत है. जून में यह जानकारी दी गई थी कि कॉरोनेशन पिलर और यमुना विहार सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) से ट्रीटेड पानी को वजीराबाद तक पहुंचाने के लिए एक बंद नलिका प्रणाली का निर्माण किया जा रहा है. ओखला STP से निकला पानी अबुल फजल ड्रेन के माध्यम से यमुना में छोड़ा जाएगा. इन उपायों के माध्यम से नदी में प्रतिदिन 1,244 मिलियन लीटर ट्रीटेड पानी डाला जाएगा.

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दिल्ली सरकार विभिन्न उपायों पर कार्यरत है. जून में यह जानकारी दी गई थी कि कॉरोनेशन पिलर और यमुना विहार सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) से ट्रीटेड पानी को वजीराबाद तक पहुंचाने के लिए एक बंद नलिका प्रणाली का निर्माण किया जा रहा है. ओखला STP से निकला पानी अबुल फजल ड्रेन के माध्यम से यमुना में छोड़ा जाएगा. इन उपायों के माध्यम से नदी में प्रतिदिन 1,244 मिलियन लीटर ट्रीटेड पानी डाला जाएगा.

यूपी सरकार से हो रही बातचीत

दिल्ली सरकार ने गंगा जल को यमुना में लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के साथ बातचीत शुरू कर दी है. उत्तर प्रदेश में गंगा के विशाल जल भंडार को देखते हुए इस योजना को लागू करना संभव माना जा रहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस परियोजना के तहत तकनीकी और प्रशासनिक पहलुओं पर काम किया जा रहा है, जिसमें नहरों या पाइपलाइन के माध्यम से पानी को मोड़ने की योजना शामिल है, ताकि यमुना में पूरे वर्ष पर्याप्त जल उपलब्ध रहे.

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केंद्र के सामने भी रखा प्रस्ताव

दिल्ली सरकार ने अपने मास्टर प्लान को केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत किया है, जिससे इस योजना को केंद्र की मंजूरी और तकनीकी सहायता प्राप्त होने की संभावना है. यह योजना यमुना की सफाई और जल संरक्षण के लिए केंद्र की ‘नमामि गंगे’ और ‘यमुना एक्शन प्लान’ जैसी पहलों के साथ समन्वय स्थापित करने का प्रयास कर रही है. दिल्ली सरकार का कहना है कि यह योजना यमुना को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ दिल्लीवासियों को स्वच्छ पेयजल और बेहतर पर्यावरण प्रदान करने में सहायक होगी.