अनिल सक्सेना, रायसेन. जिला मुख्यालय के पास स्थित पीपलखिरिया गांव में सड़क विवाद को लेकर ग्रामीण आक्रोशित हैं. राजस्व अमले ने रुढ़ीगत 200 साल पुराना आम रास्ता को एक किसान की जमीन बताकर उसका सीमांकन कर दिया. जबकि इस रास्ते को सांसद निधि से कुछ साल पहले ग्रेवल रोड बनाया गया था. इसी रास्ते के किनारे पेयजल योजना की पाइप लाइन बिछाई गई है. राजस्व विभाग के कानूनी दावपेंच में अब यह मामला उलझ गया है.

भोपाल रोड स्थित पीपलखिरिया ग्राम पंचायत में एक रास्ता सेहतगंज टोल प्लाजा के पास से कई गांवों और किसानों के खेतों के लिए निकला है. इसी रोड पर ब्रिटिश शासन काल की एक छावनी और कुछ ईट भट्टे हैं. लेकिन इस रोड को लेकर किसान और राजस्व विभाग में एक साल से विवाद चल रहा है. कुछ समय पहले रोड से लगी जमीन को एक व्यापारी ने खरीद ली. इसके बाद जमीन का राजस्व अमले ने सीमांकन किया. जिसमें रास्ते को सार्वजनिक न बताकर व्यापारी की जमीन बताया गया.

कोर्ट में व्यापारी के पक्ष में आया फैसला

इसके बाद व्यापारी ने जमीन पर फेंसिंग पोल लगा दिए. ऐसे में पीपलखिया के किसान और राजस्व अमला सहित जमीन खरीदने वाले व्यापारी आपने-सामने आ गए. विवाद की स्थिति को देखते हुए मामले को यथावत रखा गया और मामला SDM कोर्ट पहुंच गया. जहां जमीन खरीदने वाले व्यापारी के पक्ष में फैसला करते हुए धारा 250 के तहत सड़क के सार्वजनिक कब्जे हटाने राजस्व अमले को आदेश दिया.

कब्जा लेने के दौरान तनाव की स्थिति

व्यापारी जमीन का कब्जा लेने राजस्व अमले के साथ मौके पर जेसीबी मशीन लेकर पहुंच गया. इसके बाद ग्रामीणों और व्यापारी में तनाव की स्थिति पैदा हो गई. ग्रामीण किसी भी हाल में रास्ता बंद करने के पक्ष में नहीं हैं. ग्राम पंचायत भी इस मामले में ग्रामीणों के इस परंपरागत रास्ते को बंद करने के खिलाफ सामने आ गई हैं.

ग्रामीणों ने दी आंदोलन की चेतावनी

ग्रामीणों और आसपास के किसानों का कहना है कि राजस्व विभाग राजनीतिक दबाव में काम कर रहा है. उन्होंने आंदोलन की चेतावनी भी दी है. इस मामले में SDM मुकेश कुमार सिंह का कहना है कि यदि ग्रामीणों को आपत्ति है और इस रास्ते के वैध दस्तावेज उनके पास है, तो वह संबंधित न्यायालय में अपील कर सकते हैं.

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