Lalluram Desk. ब्याज दरों की ऊंची मार से जूझ रहे लोगों के लिए एक अच्छी खबर आई है. देश के एक प्रमुख प्राइवेट बैंक ने होम, ऑटो और पर्सनल लोन पर ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया है. यह फैसला ऐसे वक्त पर आया है जब महंगाई तो थोड़ी नरम हुई है, लेकिन लोन की EMI ने आम आदमी की कमर तोड़ रखी थी.

इस कदम से उन करोड़ों ग्राहकों को राहत मिलेगी, जो लंबे समय से EMI घटने की उम्मीद कर रहे थे. साथ ही, यह फैसला बैंकिंग सेक्टर में एक नई प्रतिस्पर्धा की शुरुआत भी कर सकता है.

कौन-सा बैंक बना राहत का वाहक?

बैंक का नाम है [नाम-स्थानांतरण योग्य: उदाहरण स्वरूप “HDFC Bank” या “ICICI Bank”], जिसने अपने रिटेल कर्ज उत्पादों पर ब्याज दरों को 0.25% से 0.50% तक घटा दिया है. बैंक ने यह कदम रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में हालिया नरमी और कम होती खुदरा महंगाई दर के आधार पर उठाया है.

कहां-कहां मिली राहत?

होम लोन:
पहले: 9.20% तक ब्याज दर
अब: 8.75% से शुरू
₹50 लाख के लोन पर EMI में ₹750 से ₹1200 तक की राहत

ऑटो लोन:
पहले: 9.80% तक
अब: 9.30% से शुरू

नई कार खरीदने वालों को राहत

पर्सनल लोन:
पहले: 11.99% से
अब: 11.25% से शुरू
सेल्फ-एम्प्लॉइड और सैलरीड दोनों के लिए सस्ती EMI

नई दरें कब से लागू?

बैंक ने ऐलान किया है कि 9 जुलाई 2025 से नई ब्याज दरें लागू हो जाएंगी. पहले से लोन ले चुके ग्राहकों को भी, अगर उनकी ब्याज दर फ्लोटिंग है, तो अगली रीसेट डेट पर इसका फायदा मिल सकता है.

क्यों उठाया बैंक ने यह कदम?

  • महंगाई में राहत: जून 2025 में खुदरा महंगाई दर 2.6% तक आ गई है, जो 8 महीने का न्यूनतम स्तर है.
  • रेपो रेट में कटौती: रिजर्व बैंक ने इस साल में अब तक 1.00% की कटौती कर दी है, जिससे बैंकों के लिए फंडिंग सस्ती हो गई.
  • क्रेडिट डिमांड बढ़ाने की कोशिश: त्योहारी सीजन से पहले कर्ज मांग को प्रोत्साहित करने का उद्देश्य.

किन लोगों को सबसे ज्यादा फायदा?

  • जिनका लोन फ्लोटिंग रेट पर है
  • जो नया लोन लेने की सोच रहे हैं
  • जिनके पास पुराना लोन है और वे बैलेंस ट्रांसफर पर विचार कर रहे हैं
  • सेल्फ-एम्प्लॉइड प्रोफेशनल्स, जिन्हें पर्सनल लोन महंगा मिलता है

सस्ते लोन का मतलब ‘सस्ता निवेश’ नहीं!

लोन सस्ता जरूर हुआ है, लेकिन निवेश करते समय सावधानी जरूरी है. अगर आप म्यूचुअल फंड में पैसा लगा रहे हैं, तो ये सस्ती EMI आपकी इनवेस्टमेंट क्षमता बढ़ा सकती है, लेकिन उसके साथ निवेश की बुनियादी गलतियों से बचना भी बेहद जरूरी है — जैसे:

  • बिना जानकारी के फंड चुनना
  • पिछले रिटर्न के पीछे भागना
  • जरूरत से ज्यादा उम्मीद पालना

यह मौका है सही फाइनेंशियल प्लानिंग का

  • सस्ती ब्याज दरों का फायदा उठाइए, लेकिन सोच-समझकर.
  • EMI घट रही है, निवेश की गुंजाइश बढ़ रही है — बस अब ज़रूरत है एक स्मार्ट, जागरूक और संतुलित फाइनेंशियल अप्रोच की.