Bharat Bandh: बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर महागठबंधन ने कल 9 जुलाई को बिहार बंद का आह्वान किया है। इस बंद को समर्थन देने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी पटना पहुंच रहे हैं। इस मुद्दे पर अब चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी महागठबंधन की मांगों का समर्थन किया है।

‘प्रधानमंत्री को दे देना चाहिए इस्तीफा’

हाजीपुर में मीडिया से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि, वोटर लिस्ट का जो संशोधन किया जा रहा है, वह पूरी तरह गलत है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जिस वोटर लिस्ट के आधार पर पिछले लोकसभा चुनाव हुए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुने गए, अगर वही सूची गलत है तो फिर प्रधानमंत्री को इस्तीफा देकर दोबारा चुनाव लड़ना चाहिए।

प्रशांत किशोर ने चेताया कि अगर अब वोटर लिस्ट में बदलाव किया गया तो बिहार के लाखों प्रवासी मजदूरों का नाम सूची से गायब हो सकता है, जिससे सीधा फायदा सरकार को होगा। उन्होंने इसे सत्ता में बैठे लोगों की घबराहट और एक सोची-समझी साजिश बताया।

‘बिहार को युवा आयोग नहीं, रोजगार चाहिए’

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राज्य में युवा आयोग का गठन करने की घोषणा पर प्रशांत किशोर ने कहा कि, आप बिहार के युवाओं से पूछिए कि वह आयोग चाहता है या रोजगार चाहता है? बिहार का युवा अब ठगा जाने वाला नहीं है, वह आयोग या घोषणाएं नहीं चाहता है।

उन्होंने आगे कहा, नीतीश कुमार ने साल 2015 में ये वादा किया था कि 18 साल से 35 साल तक जितने भी युवा हैं, जब तक उन्हें नौकरी नहीं मिलेगी तब तक उन्हें हर महीने 1000 रुपये का बेरोजगारी भत्ता मिलेगा। लेकिन किसी भी युवा को आज तक एक भी रुपये नहीं मिले हैं। युवा आयोग बनाने से कुछ नहीं होगा. आयोग बनाकर नीतीश कुमार के जो चार चाटूकार अफसर हैं, वो अपने परिवार वालों को वहां नौकरी दिलवाएंगे, बिहार का युवा जो बेरोजगार था वो बेरोजगार ही रहेगा।

महिलाओं के आरक्षण पर भी उठाए सवाल

वहीं, सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35% आरक्षण देने के हालिया ऐलान पर भी प्रशांत किशोर ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह प्रावधान पहले से 2015 में लागू है। अब फिर से उसी पुराने फैसले को नए रूप में पेश कर नीतीश सरकार जनता को गुमराह कर रही है।

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