AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की कमी महसूस की जा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि BJP की सरकार ने चार महीनों में स्थिति को बिगाड़ दिया है. मोहल्ला क्लिनिक लगातार बंद हो रहे हैं, जबकि अस्पतालों में मुफ्त दवाइयों और परीक्षणों को समाप्त कर दिया गया है. इसके परिणामस्वरूप दिल्ली की स्थिति बेहद खराब हो गई है, सड़कें टूट गई हैं और चारों ओर गंदगी फैल गई है.

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‘छह-छह घंटे के पावर कट लगने लगे हैं’

मोहाली में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि अब छह-छह घंटे के पावर कट आम हो गए हैं, जबकि पिछले सात वर्षों में दिल्ली में एक भी मिनट का पावर कट नहीं हुआ था. वर्तमान में बारिश का मौसम है, फिर भी बिजली कटौती जारी है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की नीयत ठीक नहीं है और सभी मंत्री अपनी व्यक्तिगत लाभ के लिए काम कर रहे हैं, उन्हें सुधार की कोई परवाह नहीं है.

‘मुझे नोबेल प्राइज मिलना चाहिए’

हमारी सरकार के दौरान हमें काम करने की अनुमति नहीं दी गई, फिर भी हमने कार्य किए. इस संदर्भ में, मुझे लगता है कि गवर्नेंस और प्रशासन के क्षेत्र में मुझे नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए, क्योंकि एलजी के कार्यकाल में मैंने दिल्ली में कई महत्वपूर्ण कार्य संपन्न किए.

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‘मैंने 15 दिनों का अनशन किया था’

अरविंद केजरीवाल ने बताया कि नरेंद्र मोदी जून 2014 में प्रधानमंत्री बने थे, जब दिल्ली में रात में आठ-आठ घंटे बिजली कटौती होती थी. उन्होंने 2013 के चुनाव में बिजली आंदोलन के माध्यम से जीत हासिल की थी. 2013 में जब उनकी पहली बार सरकार बनी, तब उन्होंने पूरे दिल्ली में 15 दिनों तक अनशन किया था.

‘पानी नहीं आता था, बिल आते थे’

अरविंद केजरीवाल ने बताया कि पहले लोगों को हजारों रुपये के बिजली बिल मिलते थे, जिससे वे बिल भरने में असमर्थ थे. उन्होंने खंभे पर चढ़कर जो ताड़ जोड़े थे, वह आज भी लोगों की यादों में ताजा हैं. उस समय बिजली की उपलब्धता बहुत कम थी और पानी की कमी के बावजूद बिल आते थे, जिनकी राशि 15-20 हजार रुपये तक पहुंच जाती थी. इस अनुभव के साथ ही वे सरकार में आए थे.

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‘हमने तय किया स्कूल-अस्पताल ठीक करेंगे’

आप के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि आम आदमी की आवश्यकताएँ स्पष्ट हैं. उन्हें बिजली, पानी, और बच्चों की अच्छी शिक्षा चाहिए. यदि घर में कोई बीमार हो, तो उसका उचित इलाज भी आवश्यक है. हमने यह निर्णय लिया है कि हर परिवार को 200 यूनिट बिजली और 20 हजार लीटर पानी मुफ्त प्रदान किया जाएगा. इसके साथ ही, स्कूलों और अस्पतालों की स्थिति को सुधारने का भी संकल्प लिया गया है.

‘हमने हवा उल्टी कर दी’

उन्होंने यह भी कहा कि हम तो साधारण लोग हैं. लोगों ने हमें जो अवसर दिया, हमने उसी के अनुसार कार्य किया. लेकिन हमने स्थिति को बदल दिया है. जो लोग पहले स्कूलों के निजीकरण की बात करते थे, वे अब भी स्कूलों के मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं. इसी तरह, जो पहले अस्पतालों के निजीकरण की वकालत करते थे, वे भी अब अस्पतालों के विषय में बात करने लगे हैं.