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    जय हो ….जय हो भइया… जय हो…..सोशल मीडिया में कुछ भी संभव है।  कब किसकी कौन सी तस्वीर कहां से किस रूप में आ जाए कोई कह ही नहीं सकता। जैसी एक तस्वीर अभी सोशल मीडिया में खुब वायरल हो रही है। ये तस्वीर कहां से और कब से वायरल हो रही इसकी कोई खबर नहीं। खबर ये भी नहीं कि ये छत्तीसगढ़ के किसी स्कूल की तस्वीर है या फिर किसी अन्य राज्य की है। यहां एक फ्रेम की दो तस्वीर है अब इसमें सच्ची तस्वीर कौन से इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। एक में एक अंबेडकर साहब की तस्वीर पर माल्यार्पण किया जा रहा, दूसरी तस्वीर में सुभाष चंद्र को पुष्पांजलि दी जा रही।

    देखने से लगता है कि ये तस्वीर प्रदेश के किसी स्कूल की है। अगर ये छत्तीसगढ़ के स्कूल की तस्वीर है तो फिर ये जानिए काम अच्छा हो ना हो, लेकिन अभियान अच्छा होना चाहिए। और अगर अभियान का नाम अच्छा हो गया तो फिर क्या कहना। लूटते रहिए वाहवाही…अजी मुगालते में रहकर झूठी वाहवाही। अरे यही तो हो रहा है भइया छत्तीसगढ़ में। क्या बात कर रहे हैं। और नहीं तो क्या ? सच कह रहे हैं। अरे भई छत्तीसगढ़ में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान का नाम तो सुना ही होगा। सुना है ना। लेकिन देखा कितने लोगों ने….नहीं देखें, सोचे नहीं, पूछे नहीं कभी कैसे चल रहा है अभियान। तो फिर देखिएं ना….जानिए अभियान का सच !  अजी इधर-उधर नहीं तस्वीर को देखिएं….जो छत्तीसगढ़ के किसी स्कूल में अंबेडकर जयंती समारोह के  नाम से वायरल हो रही है।  आपके सामने खबर के साथ लगी इस तस्वीर को। यही तो है शिक्षा गुणवत्ता अभियान का एक अनदेखा सच।

    लल्लूराम के पास ये दो तस्वीर सोशल मीडिया से आई है। समझ नही आता लोग किस तरह से फोटों को एडिट कर वायरल कर देते हैं।  धन्य है….धन्य है भइया…धन्य है। राम…राम..राम..कमाल है लल्लू…वाकई कमाल है। शिक्षा विभाग में वाकई गजब हो ही जाता है। या ये कहिए कुछ भी हो जाता है। अबंडेकर  जंयती में एक तस्वीर में मेडम लोग सुभाष जी को पुष्पांजलि अर्पित करते दिखाई दे रहे हैं, दूसरी तस्वीर यही मेडम लोग अंबेडकर की तस्वीर में माल्यार्पण करते दिखाई दे रहे हैं। देखिए….देखिए….जरा झूम कर देखिए…..हम भी देखें तो बड़े चौंके थे….माथा पीटे थे….और फिर फोकट में हंसे भी थे।  सोशल मीडिया के जरिए ये तस्वीर लल्लूराम के पास पहुँची। फिर लल्लूराम  ने तस्वीर के बीच छुपे सच को बाहर लाया और अब यही सच आप सब के सामने है। अब समझ परे ये है कि गलती वाकई में हुई कहां से फोटों को एडिट करके वायरल किया गया है, वाकई में कहीं गलती से अंबेडकर जी की जगह सुभाष बाबू की तस्वीर पर तो ही माल्यार्पण तो नहीं किया गया।  जय हो….जय हो….जय हो भइया..जय हो।