कानपुर. जब कानून के रखवाले ‘वर्दीधारी गुंडे’ बन जाएं तो उनसे न्याय की उम्मीद करना गुनाह है. भले ही प्रदेश के मुखिया जीरो टॉलरेंस…जीरो टॉलरेंस…जीरो टॉलरेंस रटते हैं, लेकिन वो केवल कहने और सुनने तक ही ठीक लगता है. असलियत में उनके सिस्टम को ‘टॉलरेंस’ पसंद है. और पसंद भी क्यों न हो, उनकी आदत जो पड़ गई है. आदत आसानी से तो छूटती नहीं. बकायदा यूपी पुलिस इस चीज को आए दिन चरितार्थ करते भी नजर आती है. पुलिसिया तंत्र के एक काबिल अफसर ने साइड बिजनेस शुरू किया. बिजनेस है, लोगों को अगवा करना. कहने को तो साहब पुलिस अफसर हैं, लेकिन कांड गुंडा-मवाली वाला है. अब समझ नहीं आता, इसे पुलिस कहें या गुंडा! काबिल अफसर ने एक व्यापारी को अगवा कर 5 लाख रुपए मांगे. बकायदा न देने पर धमकी भी दी, अगर पैसे नहीं दिए तो एनकाउंटर कर दूंगा.
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बता दें कि पूरा मामला कानपुर के सचेंडी थाना क्षेत्र का है. जहां एक वर्दीधारी दरोगा अपने साथियों के साथ एक व्यापारी की दुकान पर पहुंचा और उसे अपने साथ अगवा कर ले गए. दरोगा और उसके साथियों ने व्यापारी को किदवई नगर के होटल में रखकर रातभर पिटाई की और छोड़ने के बदले में 5 लाख रुपए की मांग की. उसके अगले दिन उसे किदवई नगर चौकी ले जाकर भी पीटा गया. दरोगा से इस दौरान व्यापारी ने पूछा उसका गुनाह क्या है तो दरोगा ने कहा अपने घर से 5 लाख रुपए मंगा. अगर पैसे नहीं दिए तो मध्यप्रदेश ले जाकर एनकाउंटर कर दूंगा.
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3 लाख में माना दरोगा
वहीं जब व्यापारी ने दरोगा से कहा कि सर इतनी बड़ी रकम कहा से लाऊंगा, कुछ कम कर दीजिए. इसके बाद दरोगा 3 लाख रुपए में मान गया और पैसे मांगने कहा. जिसके बाद व्यापारी ने फोन कर घरवालों से 3 लाख रुपए मंगाए. उसके बाद दरोगा और उसके साथी फिर से व्यापारी को लेकर उसी होटल पर पहुंचे. उसी रात साकेत नगर के पराग दूध डेयरी के सामने व्यापारी के मौसा को बुलाकर कार में बिठाया और पैसे लिए. उसके बाद दोनों को कार में बिठाकर कुछ दूर ले गए और फिर उतार दिया.
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जांच में दरोगा की भूमिका संदिग्ध
वारदात के बाद व्यापारी ने मामले की जानकारी पुलिस अफसरों को दी. मामले को गंभीरता से लेते हुए आलाधिकारी ने पनकी एसीपी को जांच करने की जिम्मेदारी दी. जिसके बाद पुलिस की टीम ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी खंगालकर सबूत इकट्ठा किया. एसपी का कहना है कि शुरुआती जांच में दोरागा की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. रिपोर्ट मिलते ही जेल भेजने की कार्रवाई की जाएगी. साथ ही विभागीय जांच कर कड़ा एक्शन लिया जाएगा.
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