शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश के उज्जैन में सावन माह के दौरान भगवान महाकाल की शाही सवारी के दिन स्कूलों में छुट्टी और रविवार को स्कूल खोलने के कलेक्टर के फैसले से प्रदेश की सियासत गरमा गई है। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने इस फैसले पर कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि महाकाल की सवारी सालों से निकल रही है और हर वर्ग के लोग इसका स्वागत करते हैं, लेकिन कलेक्टर का यह आदेश केवल मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए लिया गया है। मसूद ने इसे संवैधानिक उल्लंघन बताते हुए सवाल उठाया कि यदि अन्य धर्म भी ऐसी मांग करेंगे तो क्या होगा?  

बीजेपी ने किया पलटवार 

वहीं, कांग्रेस विधायक मसूद के इस बयान पर बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को लोकतंत्र में अपनी भाषा का ध्यान रखना चाहिए और ऐसी टिप्पणियां कांग्रेस को और कमजोर करेंगी। शर्मा ने मसूद के बयान को आपत्तिजनक बताते हुए कहा कि यह निर्णय स्कूली बच्चों की सुरक्षा और यातायात सुगमता के लिए लिया गया है, क्योंकि सवारी के दौरान जाम में बच्चे परेशान होते हैं। उन्होंने उज्जैन कलेक्टर को इस फैसले के लिए बधाई दी और कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाया।  

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शर्मा ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता वोट लेने के लिए महादेव की आरती करते हैं, लेकिन बाद में सवाल उठाते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि राम, महावीर और महाकाल पर सवाल उठाने वालों को “कालों के काल” महाकाल से बचना मुश्किल होगा। यह सियासी जंग अब धार्मिक परंपरा और प्रशासनिक निर्णयों के बीच नए विवाद को जन्म दे रही है। 

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