भुवनेश्वर : ओडिशा सरकार ने ओडिशा निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम, 2010 में संशोधन का प्रस्ताव रखा है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्र अगली कक्षा में प्रोन्नति से पहले आवश्यक प्रोन्नति मानदंडों को पूरा करें।
प्रस्तावित संशोधन के अनुसार, कक्षा 5 और 8 के छात्रों को शैक्षणिक सत्र के अंत में कक्षा प्रोन्नति परीक्षा देनी होगी।
यदि कोई बच्चा इन परीक्षाओं में अनुत्तीर्ण होता है, तो उसे परिणाम घोषित होने के दो महीने के भीतर पुनः परीक्षा का अवसर दिया जाएगा। जो छात्र पुनः परीक्षा के बाद भी आवश्यक प्रोन्नति मानदंडों को पूरा नहीं कर पाते हैं, उन्हें उसी कक्षा में रोक दिया जाएगा।
स्कूल एवं जन शिक्षा विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि प्रस्तावित संशोधन निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 38 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए किया जा रहा है।

प्रस्तावित नियम, जिन्हें ओडिशा निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार (संशोधन) नियम, 2025 के रूप में जाना जाता है, उसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्र अगली कक्षा में प्रोन्नति से पहले पर्याप्त रूप से तैयार हों। नियमों में यह भी कहा गया है कि प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने तक किसी भी बच्चे को किसी भी स्कूल से निष्कासित नहीं किया जाएगा।
प्रस्तावित संशोधन शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने और यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है कि छात्र अगली कक्षा में पदोन्नत होने से पहले आवश्यक मानकों को पूरा कर सकें। इस कदम से छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार और स्कूलों में पढ़ाई छोड़ने की दर को कम करने में मदद मिलने की उम्मीद है।
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