अजयारविंद नामदेव, शहडोल। वर्षा के पानी को बचाने के लिए सरकार और प्रशासन द्वारा जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। अभियान भले ही पानी बचाने के लिए शुरू किया गया है, लेकिन जिले की भदवाही पंचायत में तो यह अभियान घी-बादाम पिलाओ और अफसरों को खुश करो योजना बन गया है। सरकारी चौपाल की छांव में जब गांव के कुएं, तालाब और नाले सूखे हैं, तो वहीं अफसरों की मेज पर काजू-बादाम, दूध-घी और नमकीन की बारिश हो रही है।

छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे शहडोल जिले गोहपारू जनपद की ग्राम पंचायत भदवाही में बीते माह जल चौपाल का आयोजन किया गया था। चौपाल का उद्देश्य था गांव-गांव जाकर जल बचाने की सीख देना, लेकिन चौपाल के नाम पर जो खरीदारी पंचायत रजिस्टर में दर्ज हुई है, वो किसी शादी-ब्याह की दावत से कम नहीं।

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अफसरों की थाली में काजू-बादाम कैसे

इस मेहमाननवाजी पर काजू 5 किलो, बादाम 5 किलो, किसमिश 3 किलो, नमकीन 30 किलो, बिस्कुट पैकेट 20, दूध 6 किलो, शक्कर 5 किलो, अफसरों को 2 किलो घी भी पिलाया गया, इस मेहमाननवाजी पर कुल 19,010 रुपए खर्च हुआ। इसके अलावा एक और बिल 5,260 का निकला गया, जिसमें घी विशेष रूप से शामिल है। अब सवाल उठता है, जल बचाने के नाम पर अफसरों की थाली में काजू-बादाम कैसे आ गए।

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मामला संज्ञान में आया है

मामले में जिला पंचायत प्रभारी CEO मुद्रिका सिंह ने कहा- आयोजन में हम लोग और ग्रामीण भी थे। चाय नाश्ते के साथ खाने की व्यवस्था तो की गई थी। काजू बदाम के बिल लगने का मामला संज्ञान में आया है। मामले को दिखवाते है।

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