CDSCO Drug Disposal Rules 2025: अगर आपके घर में भी एक्सपायर हो चुकी या बिना इस्तेमाल की दवाएं रखी हैं, तो अब उन्हें यूं ही कूड़ेदान में फेंकना सही नहीं होगा. भारत की सबसे बड़ी दवा नियामक संस्था सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने ऐसी दवाओं के निपटान को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है.

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CDSCO Drug Disposal Rules 2025

CDSCO Drug Disposal Rules 2025

किन दवाओं को फ्लश करना है जरूरी? (CDSCO Drug Disposal Rules 2025)

CDSCO ने 17 खास दवाओं की लिस्ट जारी की है जिन्हें अगर एक्सपायर हो जाएं या ज़रूरत न रहे, तो सीधे टॉयलेट या सिंक में फ्लश करना ही बेहतर है.

इनमें शामिल हैं:

  • फेंटानिल
  • ट्रामाडोल
  • डायजेपाम

ये सभी दर्द निवारक या मानसिक दबाव कम करने वाली दवाएं हैं. इन्हें लेकर CDSCO का कहना है कि अगर ये किसी गलत व्यक्ति के हाथ लग जाएं, जैसे बच्चों या पालतू जानवरों के, तो ये जानलेवा हो सकती हैं.

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बाक़ी दवाओं का क्या करना है? (CDSCO Drug Disposal Rules 2025)

बाकी सामान्य दवाओं को न तो फ्लश करना है और न ही कूड़े में फेंकना है. इनके लिए सरकार ने एक नई योजना का सुझाव दिया है, जिसका नाम है “ड्रग टेक बैक”. इसके तहत राज्य के ड्रग कंट्रोल विभाग और मेडिकल स्टोर मिलकर ऐसे केंद्र बनाएंगे, जहां लोग अपने घर की बची हुई या एक्सपायर दवाएं जमा कर सकें.

इन दवाओं को बाद में सरकार द्वारा तय बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट नियमों के अनुसार नष्ट किया जाएगा.

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क्यों आई ये गाइडलाइन? (CDSCO Drug Disposal Rules 2025)

इस गाइडलाइन की ज़रूरत इसलिए पड़ी क्योंकि कई रिसर्च में सामने आया है कि दवाओं का गलत तरीके से फेंका जाना पर्यावरण के लिए खतरनाक है.

एक स्टडी के मुताबिक, यमुना नदी और दिल्ली-एनसीआर के पानी में दवाओं के अंश पाए गए थे. इनमें एंटीबायोटिक दवाएं तक थीं, जो कूड़ेदान में फेंकने के कारण पानी में मिल गई थीं. इससे जल स्रोतों में बैक्टीरिया विकसित हो गए, जिन पर दवाएं असर नहीं करतीं — ये एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस की ओर इशारा करता है.

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हेल्थ सेक्टर ने फैसले का किया स्वागत (CDSCO Drug Disposal Rules 2025)

मैक्स हेल्थकेयर की फार्मेसी प्रमुख देवरति मजूमदार ने CDSCO की इस पहल को सराहा है. उन्होंने कहा कि अस्पताल भी अब मरीजों को डिस्चार्ज करते समय एक पर्चा देंगे जिसमें बताया जाएगा कि बची हुई दवाओं का सही तरीके से निपटारा कैसे करें.

उन्होंने यह भी जोड़ा कि फ्लश की जाने वाली दवाएं वो हैं जिनके दुरुपयोग की संभावना सबसे ज्यादा होती है, जैसे नशे की लत लगाने वाली दवाएं. इसलिए इन्हें तुरंत खत्म कर देना ही सुरक्षित है.

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