कुमार इंदर, जबलपुर। आज से सावन मास की शुरुआत हो चुकी है, सुबह से ही शिव मंदिरों में भोले का जयकारे गूंज रहे हैं। जबलपुर के शिवालयों में बड़ी संख्या में भक्त पूजन करने के लिए पहुंच रहे हैं। स्वयंभू गुप्तेश्वर महादेव मंदिर में भी सावन में विशेष रूप से भक्तों का मेला भरता है। यहां सुबह से भक्तों द्वारा भगवान का अभिषेक किया जा रहा है। शाम को विशेष रूप से एक महीने तक भगवान का अलग-अलग रूपों में श्रृंगार किया जाता है। भक्तों को पूजन के लिए विशेष व्यवस्था भी की गई है।

मंदिर की विशेषता 

कहा जाता है कि वनवास के दौरान भगवान श्रीराम जब भाई लक्ष्मण और माता सीता के साथ निकले थे, तब एक बार वे मां नर्मदा तट पर भी आए थे। पुराणों में इस बात का उल्लेख भी मिलता है। कहा जाता है कि जब भगवान श्रीराम को जाबालि ऋषि से मिलने की इच्छा हुई तो वे नर्मदा तट पर आए थे। इसी दौरान उन्होंने अपने आराध्य महादेव का पूजन वंदन किया था, जिसके लिए रेत से शिवलिंग का निर्माण किया तभी से यह मंदिर साल 1890 में अस्तित्व में आया।

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