हफ्ते का आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार के लिए तूफानी साबित हुआ. 11 जुलाई को जैसे ही बाजार खुला, लाल निशान की आंधी ने निवेशकों की सांसें रोक दीं. सेंसेक्स ने करीब 600 अंकों की गिरावट के साथ और निफ्टी ने 150 अंकों की कमजोरी के साथ ट्रेडिंग की शुरुआत की. गिरावट का यह झटका इतना तेज़ था कि शुरुआती मिनटों में ही घबराहट का माहौल बन गया.

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शेयर बाजार में क्यों आया भूकंप? खुलते ही मचा हाहाकार, जानिए गिरावट की 5 बड़ी वजहें

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कौन-सी वजहों ने बाजार को ‘धड़ाम’ की ओर धकेला? यहां जानिए गिरावट की 5 बड़ी वजहें

TCS के नतीजों ने छीनी बाजार की रफ्तार

TCS के तिमाही नतीजे निवेशकों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे. कंपनी की आय पिछली तिमाही से 1.6% घटकर ₹63,437 करोड़ रह गई. EBIT मार्जिन 24.5% रहा, जो अनुमान से कमजोर था. इसके चलते TCS का शेयर 1.8% गिरकर ₹3,321 तक लुढ़क गया. इस गिरावट ने आईटी सेक्टर को भी नीचे खींच लिया.

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आईटी सेक्टर में सबसे ज्यादा कमजोरी

Nifty IT Index में 1.47% की गिरावट दर्ज की गई, जो आज का सबसे कमजोर सेक्टर रहा. Infosys, Tech Mahindra और HCL Tech जैसे दिग्गज स्टॉक्स भी लाल निशान में रहे. यह संकेत है कि आने वाले समय में तकनीकी क्षेत्र की राह आसान नहीं होगी.

वैश्विक आईटी मांग में गिरावट

विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका और यूरोप में आईटी सेवाओं की मांग में तेज गिरावट आई है. कंपनियों ने बजट और खर्चों में कटौती शुरू कर दी है, जिससे भारतीय आईटी कंपनियों के ग्रोथ आउटलुक पर असर पड़ा है. अब निवेशकों को लगने लगा है कि आईटी सेक्टर वह रफ्तार नहीं पकड़ेगा, जिसकी उनसे उम्मीद थी.

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डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ चेतावनी

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से इंपोर्ट टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी दी है. उन्होंने 15% से 20% तक टैक्स लगाने की बात कही है, जिससे अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक साझेदार प्रभावित हो सकते हैं. इसका असर वैश्विक व्यापारिक भावना पर पड़ा है, जिससे भारतीय बाजार भी प्रभावित हुआ.

सेक्टोरल दबाव और मिडकैप-स्मॉलकैप में बिकवाली

Nifty Auto, Media, Realty, Consumer Durables और Oil & Gas सेक्टरों में भी कमजोरी देखने को मिली. मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में तेज़ बिकवाली दर्ज की गई, जिससे बाजार की चौड़ाई कमजोर हुई. हालांकि बैंकिंग, FMCG, मेटल और फार्मा सेक्टरों में थोड़ी बहुत मजबूती नजर आई, लेकिन वह गिरावट को थामने के लिए पर्याप्त नहीं थी.

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    क्या ये गिरावट किसी बड़े संकट की आहट है?

    आज की गिरावट किसी एक वजह से नहीं, बल्कि कई नकारात्मक कारकों के मेल से आई है. आईटी सेक्टर की कमजोरी, ग्लोबल अनिश्चितता और कमजोर तिमाही नतीजों ने मिलकर एक ऐसा तूफान खड़ा कर दिया है, जिससे निवेशकों का भरोसा हिल गया है.

    अब बड़ा सवाल यह है कि — क्या ये सिर्फ शुरुआत है या किसी बड़ी गिरावट की चेतावनी? निवेशकों को फिलहाल सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि आने वाले दिनों में बाजार में और उथल-पुथल देखने को मिल सकती है.

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