दीपक सोहले, बुरहानपुर। मध्य प्रदेश में बीते कुछ दिनों ने अलग-अलग डिग्री के ब्रिज और उससे जुड़े भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं। भोपाल के 90 डिग्री और इंदौर के ‘Z’ शेप वाले ब्रिज के बाद अब बुरहानपुर से ऐसा ही एक ब्रिज चर्चा में है, जो 86 डिग्री का है।

नेपानगर तहसील में बना है ’86 डिग्री’ का रेलवे ब्रिज

दरअसल, नेपानगर तहसील में 86 डिग्री वाला रेलवे ओवरब्रिज देखने मिला है जिसका निर्माण 7 साल में पूरा हुआ है। यही नहीं, इस पर सुरक्षा जाली भी नहीं लगाई गई है। जबकि इसके पहले यहां दो बार हादसे हो चुके हैं। जिसमें दो लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं। लेकिन बावजूद नगर परिषद नहीं जागा और सुरक्षा के लिहाज से जाली नहीं लगाई गई है।

2 साल पहले अस्तित्व में आया था रेलवे ब्रिज

बता दें कि यह रेलवे ओवरब्रिज 2 साल पहले अस्तित्व में आया है। लेकिन सेतु निगम अफसरों का कहना है कि यह ब्रिज 86 डिग्री में बना है। जिसकी चौड़ाई करीब 16 मीटर और गोलाई अधिक है। लेकिन इस ब्रिज पर नगर पालिका ने अब तक सुरक्षा जालियां नहीं लगाई गई है। जबकि सेतु निगम इसकी अनुमति भी नगर पालिका को दे चुका है। लेकिन नगर पालिका की ओर से अब तक जालियां नहीं लगाई गई है।

नपा अध्यक्ष ने कहा- इंदौर से टेक्निकल स्वीकृति मिलना

वहीं नपा अध्यक्ष का कहना है कि इंदौर से टेक्निकल स्वीकृति मिलना बाकी है। 7 साल में ब्रिज बनकर तैयार हुआ था। 2023 में अस्तित्व में आया था जो करीब 9 साल पहले 34 करोड़ की लागत से आंबेडकर चौराहा से संजय नगर तक रेलवे ओवरब्रिज स्वीकृत हुआ था। 

समाजसेवी ने कहा- 34 करोड़ की लागत वाला ब्रिज बना 38 करोड़ में

समाजसेवी प्रवीण काटकर के अनुसार तत्कालीन विधायक स्व. राजेंद्र दादू ने 2015-16 में इस ब्रिज की स्वीकृति कराई थी। कभी काम बंद तो कभी चालू होता रहा। सेतु निगम ने अपने हिस्से का काम करा लिया था। लेकिन रेलवे के हिस्से का काम बाद में पूरा हुआ था। पहले इसकी लागत 34 करोड़ थी। लेकिन देरी के कारण इसकी लागत 38 करोड़ हो गई थी। अब नगर पालिका अध्यक्ष और अध्यक्ष प्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी दूसरों पर मढ़ने में लगे हैं।

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