सत्या राजपूत, रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पुलिस मुख्यालय में आज एक अनूठा और भावनात्मक वृक्षारोपण अभियान एक पेड़ शहीद के नाम आयोजित किया गया. इस अभियान में शहीद जवानों की पत्नियों ने अपने पतियों की स्मृति में पौधे रोपे, जो न केवल पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक है, बल्कि शहीदों की शहादत को अमर करने का एक संवेदनशील प्रयास भी है.
इस अभियान में छत्तीसगढ़ पुलिस के उन सभी शहीद जवानों को याद किया गया, जिन्होंने नक्सल उन्मूलन और समाज की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. प्रत्येक शहीद के नाम पर एक-एक पौधे रोपे गए, जिसमें IPS एसोसिएशन ने सक्रिय भागीदारी निभाई. यह पहल देशभर में चल रहे “एक पेड़ मां के नाम” अभियान से प्रेरित है, लेकिन इसे शहीदों के सम्मान में एक नया आयाम दिया गया.


ज्योति गौतम ने कहा, “जैसे देशभर में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान चल रहा है, वैसे ही हमने पुलिस परिवार के साथ ‘एक पेड़ शहीद के नाम’ शुरू किया है. हमारे शहीद जवानों की पत्नियों को इस वृक्षारोपण के लिए आमंत्रित किया गया था. सभी ने अपने पति के नाम पर पौधे लगाए. ये पौधे जब बड़े होकर पेड़ बनेंगे, तब ये हमें नक्सल उन्मूलन के लिए शहीद हुए जवानों की वीरता और बलिदान की याद दिलाएंगे. उन्होंने आगे कहा, “वृक्ष और शहीद जवानों को हमने एक साथ जोड़ा है, क्योंकि दोनों समाज के हित के लिए हैं. शहीदों की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता. ये पेड़ उनकी स्मृति को जीवित रखेंगे.

पेड़ और शहीदों की छाया समाज के लिए समर्पण
डॉ. दीप्ति शुक्ला ने इस अभियान को समाज सेवा और संवेदनशीलता का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा, “ये वृक्षारोपण समाज के लिए है, शहीद परिवारों के लिए है और सबसे बढ़कर हमारे शहीद जवानों की स्मृति के लिए है. एक पेड़ शहीद के नाम में समाज सेवा, संवेदनशीलता और शहीदों की याद शामिल है. जिस तरह पेड़ की छाया हमें शीतलता और सुरक्षा देती है, उसी तरह हमारे जवान समाज और राज्य की सुरक्षा के लिए अपना जीवन न्योछावर करते हैं. डॉ. शुक्ला ने कहा, जब ये पौधे बड़े होकर पेड़ बनेंगे, तब इनका लाभ पूरे समाज को मिलेगा. ठीक वैसे ही, जैसे हमारे जवान चाहे बॉर्डर पर तैनात हों या छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हों, वे हमारी सुरक्षा के लिए समर्पित रहते हैं.
शहीदों की स्मृति को हरियाली के साथ जोड़ने का प्रयास
इस वृक्षारोपण अभियान में रोपे गए पौधे न केवल पर्यावरण को हरा-भरा बनाएंगे, बल्कि शहीदों के बलिदान को भी एक जीवंत श्रद्धांजलि देंगे. पुलिस मुख्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में शहीदों के परिवारों, पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने एकजुट होकर इस पुनीत कार्य में भाग लिया. यह अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक कदम है, बल्कि उन वीर जवानों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान का प्रतीक भी है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर समाज को सुरक्षित रखा. जैसे-जैसे ये पौधे पेड़ बनेंगे, वे शहीदों की स्मृति को जीवित रखते हुए आने वाली पीढ़ियों को उनके बलिदान की कहानी सुनाएंगे.

एक पेड़ शहीद के नाम अभियान छत्तीसगढ़ पुलिस की संवेदनशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी का एक अनुपम उदाहरण है. यह पहल पर्यावरण संरक्षण और शहीदों के प्रति सम्मान को एक साथ जोड़कर समाज में एक सकारात्मक संदेश दे रही है. पुलिस जवानों की पत्नियों द्वारा रोपे गए ये पौधे न केवल हरियाली फैलाएंगे, बल्कि शहीदों की वीरता और समर्पण को भी हमेशा याद रखने का एक जीवंत प्रतीक बनेंगे.