महाराष्ट्र में भाषा विवाद एक नए मोड़ पर पहुंच गया है, जहां अब मराठी भाषी लोगों के लिए अलग से आरक्षण की मांग उठाई जा रही है. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधायकों ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध किया कि मुंबई की इमारतों में मराठी भाषी लोगों के लिए 20 % आवास आरक्षित किए जाएं. इस संबंध में विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे और पार्टी नेता मिलिंद नार्वेकर ने शिवसेना शिंदे गुट के मंत्री शंभूराज देसाई को एक पत्र सौंपा.

मुंबई में मराठी मानुष के लिए 20% आरक्षण- शिवसेना UBT

मिलिंद नार्वेकर ने X पर एक पत्र साझा करते हुए मांग की है कि मुंबई में मराठी मानुष के लिए हर बिल्डिंग में 20% आवास आरक्षित किए जाएं. इससे पहले, 10 जुलाई को विधान परिषद में उन्होंने यह सवाल उठाया था कि क्या किसी सामाजिक संगठन ने मराठी लोगों के लिए 50 प्रतिशत आवास आरक्षित करने की मांग की थी और क्या सरकार ने इस पर कोई निर्णय लिया है. उपमुख्यमंत्री और आवास मंत्री एकनाथ शिंदे ने लिखित उत्तर में बताया कि उनके विभाग को इस संबंध में कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है.

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मंत्री शंभूराज देसाई ने किया कटाक्ष

खनन मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा कि जब 2019 से 2022 तक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महा विकास आघाड़ी सरकार सत्ता में थी, तब इस तरह का कोई कानून नहीं लाया गया था. उन्होंने यह भी कहा कि उस समय यह कदम उठाने में विफलता अब रिकॉर्ड पर है, और यह दर्शाता है कि मराठी मानुष के प्रति उनकी प्रेम भावना केवल दिखावा है. इस राजनीतिक बहस ने मराठी अस्मिता और मुंबई में स्थानीय लोगों के अधिकारों पर एक बार फिर से चर्चा को जन्म दिया है.