योगेश पाराशर, मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना में पिता की मृत्यु पर दत्तक बेटी ने मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज निभाया है। दत्तक पुत्री ने जब पिता की चिता को मुखाग्नि दी तो मुक्तिधाम में उपस्थित लोगों की आंखे नम हो गई। दुख के माहौल में बेटी के इस कर्तव्य की लोग सराहना भी कर रहे हैं।
संतान नहीं होने पर बेटी को लिया गोद
दरअसल मुरैना के गोपालपुरा वार्ड 40 निवासी आशाराम नरवरिया फल का ठेला लगाते थे। वे लंबे समय से बीमारी से ग्रसित थे। लीवर और किडनी में इंफेक्शन होने के कारण उनका निधन हो गया। आशाराम को कोई संतान नहीं होने पर उन्होंने अपने रिश्तेदार की बेटी रिया को गोद लिया था। उन्हीं ने उनका पालन पोषण भी किया। आशाराम के निधन के बाद समाज में अंतिम संस्कार के विधानों को लेकर चर्चा हुई कि इस क्रिया को कौन पूरा करेगा।
जौराखुर्द मुक्तिधाम में किया अंतिम संस्कार
इस पर समाज ने निर्णय लिया कि दत्तक पुत्री रिया ही आशाराम के लिए सब कुछ थी। उन्होंने अपनी इच्छा से बेटी को ही गोद लिया था। इसलिए अंतिम संस्कार भी वही करेगी। जौराखुर्द मुक्तिधाम में आशाराम का अंतिम संस्कार दत्तक पुत्री रिया उम्र 16 साल ने किया। रिया ने बेटी होकर भी अपने पिता का अंतिम संस्कार कर बेटों का फर्ज निभाया है। समाज के लोगों ने दुख में सहभागी बनते हुए दत्तक पुत्री के इस कदम की सराहना की है। जानकारी मृतक के रिश्तेदार रामचरण ने दी।
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