देवी-देवताओं के साथ दिखाई देने वाले वाहन केवल सजावट या उनके वाहन नहीं हैं. ये गहरे प्रतीक हैं, जो हमारे भीतर छिपे स्वभाव, ऊर्जा और प्रवृत्तियों को दर्शाते हैं. सावन माह में इन प्रतीकों पर ध्यान लगाकर आप अपने भीतर छिपे गुणों और कमजोरियों को बेहतर समझ सकते हैं.
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देवी-देवताओं के वाहन नहीं हैं सिर्फ प्रतीक, बताते हैं आपका छिपा हुआ स्वभाव
चूहा (Mouse) – श्री गणेश
चूहा स्वभाव से चंचल, चतुर और हर जगह पहुँचने वाला होता है. यह दर्शाता है कि आप हर परिस्थिति में समाधान खोजने वाले, चुपचाप काम करने वाले और जिज्ञासु प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं.
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नंदी – भगवान शिव
नंदी धैर्य, भक्ति और सेवा का प्रतीक है. यदि आपको शिव के नंदी प्रिय हैं, तो आप स्थिर विचारों वाले, समर्पित और विश्वास के प्रतीक हैं.
मोर – कार्तिकेय, मां सरस्वती
मोर सौंदर्य, बुद्धि और वीरता का प्रतीक है. यदि यह वाहन आपको आकर्षित करता है, तो आप रचनात्मक, कलात्मक, और भावनाओं में गहराई रखने वाले व्यक्ति हो सकते हैं.
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शेर – दुर्गा माता
शेर साहस, आत्मबल और नेतृत्व का प्रतीक है. यदि आप दुर्गा माता से विशेष जुड़ाव महसूस करते हैं, तो आपके भीतर विपरीत परिस्थितियों से लड़ने की ताकत और दूसरों को प्रेरित करने की शक्ति है.
गरुड़ – भगवान विष्णु
गरुड़ गति, दूरदृष्टि और ऊँचे आदर्शों का प्रतीक है. इससे प्रभावित लोग तेज निर्णय लेने वाले, स्पष्ट सोच वाले और धर्म के मार्ग पर अडिग होते हैं.
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