लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। अन्नदाता किसानों की खुशहाली और समृद्धि के बिना देश में खुशहाली व समृद्धि की कल्पना भी नहीं की जा सकती। भारत में कृषि और पशुपालन क्षेत्र एक दूसरे से अन्योन्याश्रित सम्बन्ध रखते हैं। विगत 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इस क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण एवं सराहनीय कार्य किये गए हैं। डबल इंजन सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान पर है।

कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण संस्थान का उद्घाटन

प्रधानमंत्री के विकसित एवं आत्मनिर्भर भारत विजन के अनुरूप आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर पशुधन, मत्स्य पालन, डेयरी के क्षेत्र में पशुपालकों, अन्नदाता किसानों की आमदनी बढ़ाने तथा समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करने के उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। मुख्यमंत्री आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय तथा उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग एवं पशुधन विकास परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘भारत में पशु नस्लों का विकास कार्यशाला’ का शुभारम्भ करने के पश्चात आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने पशुपालन अवसंरचना विकास निधि के अमेठी, बरेली एवं मथुरा प्रोजेक्ट्स तथा कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण संस्थान, गोरखपुर का उद्घाटन किया।

पशुपालकों के जीवन में खुशहाली आए

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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार पशुओं की खुरपका एवं मुँहपका जैसी आदि बीमारियों से निपटने के लिए टीकाकरण के माध्यम से प्रभावी कार्यवाही कर पशुपालकों के जीवन में खुशहाली लाने का कार्य कर रही है। इन बीमारियां के टीकाकरण के संतृप्तीकरण लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केन्द्र सरकार ने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। प्रदेश सरकार मिल्क प्रोड्यूसर इकाइयों को प्रोत्साहन देने का कार्य कर रही है। उन्होंने प्रजनक संघों की स्थापना की रूपरेखा विषय पर आधारित पुस्तिका का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में उपस्थित पशुपालकों ने पशुधन के क्षेत्र में प्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यां के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए अपने अनुभव साझा किये।

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वर्तमान में राज्य में 05 मिल्क प्रोड्यूसर इकाइयां क्रियाशील हैं। इनमें झांसी, गोरखपुर, आगरा तथा वाराणसी आदि इकाइयां सम्मिलित हैं। प्रदेश की दुग्ध समितियां आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में निरन्तर आगे बढ़ रही हैं। इन दुग्ध समितियों के माध्यम से लाखां महिलाएं रोजगार प्राप्त कर रही हैं।