बिलासपुर. सिम्स (छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान) में नेत्र रोग विभाग ने पहली बार ऐसा ऑपरेशन किया है जो अब तक सिर्फ बड़े प्राइवेट अस्पतालों में ही मुमकिन माना जाता था. बेमेतरा जिले के एक 21 वर्षीय युवक की एक आंख में दो गंभीर समस्याएं थीं – जन्म से ही पलक झुकी हुई थी और आंख तिरछी भी दिखती थी. लंबे समय से इलाज की कोशिश कर रहा युवक अब निराश हो चुका था.
उसे जब जानकारी मिली कि अब सिम्स में ऐसी जटिल सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है, तो उसने यहां संपर्क किया. नेत्र रोग विभाग की सीनियर डॉक्टर डॉ. प्रभा सोनवानी और उनकी टीम ने पहले पूरी जांच की और फिर ऑपरेशन की तैयारी शुरू की.
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इस ऑपरेशन की खास बात यह रही कि इसमें एक ही सर्जरी में दो समस्याओं का इलाज किया गया – एक तो झुकी हुई पलक (Ptosis) और दूसरी आंख के तिरछेपन (Strabismus) की. यह प्रक्रिया बहुत ही बारीकी और अनुभव की मांग करती है. सिम्स के इतिहास में यह पहली बार था जब इस तरह की संयुक्त सर्जरी की गई.
इस ऑपरेशन में डॉ. रमणेश मूर्ति (सिम्स अधिष्ठाता), डॉ. लाखन सिंह (चिकित्सा अधीक्षक) और डॉ. सुचित सिंह (नेत्र विभाग प्रमुख) का मार्गदर्शन रहा. ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ. प्रभा सोनवानी के साथ डॉ. आरूषी शर्मा और डॉ. कुणाल सिंह भी शामिल थे. नर्सिंग स्टाफ और वार्ड ब्वॉयज़ ने भी अहम भूमिका निभाई.
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ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा. अब मरीज की आंख की पलक सामान्य हो चुकी है और तिरछापन भी ठीक हो गया है. मरीज का आत्मविश्वास लौट आया है और अब वह पहले से ज्यादा आत्मनिर्भर महसूस कर रहा है.
इससे पहले इस तरह के ऑपरेशन केवल निजी अस्पतालों में ही लाखों रुपये में किए जाते थे. लेकिन अब सिम्स में यह सर्जरी आयुष्मान भारत योजना के तहत बिल्कुल मुफ्त में की जा रही है. इससे प्रदेश के गरीब और मध्यमवर्गीय मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी.
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