Ujjwal Nikam & Harsh Shringla Will Become Rajya Sabha MP: आतंकी कसाब को फांसी दिलाने वाले उज्जवल निकम राज्यसभा सांसद बनेंगे। निकम समेत पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, केरल के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद् सी. सदानंदन मास्टर और प्रख्यात इतिहासकार तथा शिक्षाविद् मीनाक्षी जैन भी राज्यसभा सांसद बनेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सभी को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। गृह मंत्रालय ने यह अधिसूचना 12 जुलाई को जारी की थी।
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कौन हैं उज्ज्वल निकम?
उज्ज्वल निकम देश के जाने-माने विशेष सरकारी वकीलों में गिने जाते हैं, जिन्होंने कई हाई-प्रोफाइल और आतंकवाद से जुड़े मामलों में प्रभावशाली भूमिका निभाई है। देश के प्रख्यात वकील उज्ज्वल निकम आतंकवादी अजमल कसाब के खिलाफ केस लड़ने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने पिछले साल भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन बेहद कड़े मुकाबले में मुंबई की उत्तर मध्य सीट पर कांग्रेस की प्रत्याशी वर्षा गायकवाड़ के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
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निकम का करियर 1991 में कल्याण बम विस्फोट मामले से सुर्खियों में आया, जिसमें उन्होंने मुख्य आरोपी रविंदर सिंह को दोषी ठहराने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके बाद 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम धमाकों के केस में उन्हें राज्य सरकार की ओर से विशेष सरकारी वकील नियुक्त किया गया, जो उनके करियर का बड़ा मोड़ साबित हुआ।
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निकम ने टाडा (TADA) अदालत में 14 साल से अधिक समय तक सेवाएं दीं और आतंकवाद से जुड़े मामलों में अभियोजन का नेतृत्व किया। उनका सबसे चर्चित मामला रहा 2008 का 26/11 मुंबई हमला, जिसमें उन्होंने पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब के खिलाफ राज्य सरकार का पक्ष मजबूती से रखा। बाद में निकम ने खुलासा किया कि कसाब द्वारा जेल में मटन बिरयानी की मांग वाली बात उन्होंने जानबूझकर मीडिया के सामने फैलायी थी ताकि जनता के गुस्से को सही दिशा मिल सके। यह बयान लंबे समय तक चर्चा में रहा।
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कौन हैं हर्ष श्रृंगला?
संसद के ऊपरी सदन जाने वाले हर्षवर्धन श्रृंगला वरिष्ठ राजनयिक रहे हैं और वह 1984 के भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अधिकारी हैं। अपने 35 साल के लंबे करियर में हर्षवर्धन ने राजधानी नई दिल्ली समेत विदेश में कई अहम पदों पर काम किया है।
वह अमेरिका में भारत के राजदूत (2019) रहे. इससे पहले वह बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त और थाईलैंड में भारत के राजदूत के रूप में भी रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने फ्रांस (यूनेस्को); अमेरिका (संयुक्त राष्ट्र, न्यूयॉर्क); वियतनाम (हनोई और हो ची मिन्ह सिटी); इजराइल और दक्षिण अफ्रीका (डरबन) में भी काम किया है। हर्षवर्धन ने विदेश मंत्रालय संयुक्त सचिव (महानिदेशक) के रूप में काम किया था, जहां उनके पास बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार और मालदीव के लिए जिम्मेदारी थी।
अमेरिका में राजदूत के रूप में काम करने बाद में हर्षवर्धन श्रृंगला 29 जनवरी 2020 में विदेश मंत्रालय के 33वें विदेश सचिव बनाए गए। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से BA की डिग्री हासिल की थी और भारतीय विदेश सेवा में आने से पहले भारत में कॉर्पोरेट और पब्लिक सेक्टर में काम किया था।
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कौन हैं डॉ. मीनाक्षी जैन?
राज्यसभा के लिए मनोनीत होने वाली डॉ. मीनाक्षी जैन मध्यकालीन और औपनिवेशिक भारत की एक प्रसिद्ध इतिहासकार हैं। वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के गार्गी कॉलेज में इतिहास की पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर, नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी की पूर्व फेलो और भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद की शासी परिषद की पूर्व सदस्य हैं। वह वर्तमान में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (Indian Council of Social Science Research) की सीनियर फेलो हैं।
उनकी गहन शोध वाली पुस्तक लगातार चर्चा में रही है। उनकी चर्चित किताबों में Flight of Deities and Rebirth of Temples (2019), The Battle for Rama: Case of the temple at Ayodhya (2017), Sati: Evangelicals, Baptist Missionaries and the changing Colonial Discourse (2016), Rama and Ayodhya (2013), Parallel Pathways: Essays on HinduMuslim Relations (1707-1857) (2010) शामिल है. साल 2020 में, डॉ. मीनाक्षी जैन को उनके योगदान के लिए पद्मश्री से नवाजा गया था।
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कौन हैं सदानंदन मास्टर?
सदानंदन मास्टर शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में दशकों से कार्यरत हैं। उन्होंने विशेषकर वंचित वर्गों, अनुसूचित जातियों और जनजातियों के बीच शिक्षा और सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा दिया है। उनकी छवि एक जमीनी स्तर पर काम करने वाले निष्ठावान कार्यकर्ता की है।
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