उज्जैन। 12 ज्योतिर्लिंग में से एक महाकालेश्वर मंदिर में सावन के पर्व की शुरुआत हो चुकी है और 14 जुलाई को सावन का पहला सोमवार होने के चलते तड़के 2:30 बजे भगवान महाकाल के पट खुले। इसके बाद भगवान महाकाल को स्नान कराया गया। फिर पंचामृत अभिषेक कर भगवान महाकाल का राजा के रूप में विशेष श्रंगार किया गया। इसके बाद महाकाल मंदिर के पुजारी ने भगवान महाकाल की भस्म आरती की। जिसे देखने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु वहां पहुंचे।  शाम 4:00 बाबा महाकाल अपनी प्रजा का हाल-चाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे। 

भगवान महाकाल का रजत चंद्र, त्रिशूल, मुकुट और आभूषण के साथ भांग, चंदन और ड्रायफ्रूट से श्रृंगार किया गया। इसके बाद भस्म चढ़ाई गई। महाकाल ने शेषनाग का मुकुट, रजत मुंडमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ-साथ सुगंधित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण की। इसके बाद फल और मिष्ठान का भोग लगाया।

भस्म आरती के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। लोगों ने नंदी महाराज का दर्शन कर उनके कान के समीप जाकर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगा। इस दौरान श्रद्धालु बाबा महाकाल की जयकारे भी लगा रहे थे। पूरा मंदिर बाबा के जयकारे से गुंजायमान हो रहा था।

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