मनोज यादव, कोरबा. हत्या के आरोप में निरुद्ध कैदी जिला अस्पताल में बिना हथकड़ी के घूमते रहा. उसके साथ ड्यूटी में तैनात आरक्षक भी अपनी टोपी और हथकड़ी को बेड पर ही छोड़कर टहलते हुए देखा गया. इस बड़ी चूक के उजागर होने के बाद दोनों ही अपनी-अपनी सफाई देते नजर आए.
जिला अस्पताल के खाली बेड में एक तरफ खुली हथकड़ी तो दूसरी तरफ पुलिस वाले की टोपी पड़ी नजर आई. जब मीडिया ने इसकी पड़ताल की मामला जल्दी ही सामने आ गया. दरअसल, हत्या के एक मामले में डेढ़ साल से निरुद्ध गहनिया निवासी बंधु राम को तबीयत बिगड़ने पर जिला चिकित्सालय लाया गया था. भर्ती के दौरान जब उसे प्यास लगी तो ड्यूटी पर तैनात जेल प्रहरी ने उसकी हथकड़ी खोलकर जाने दिया. इस पर जब प्रहरी से सवाल किया गया तो उसने बताया कि कैदी वैसे भी कमजोर है, ऐसे में वह कहां से भागेगा. लेकिन अगर वह भाग जाता तो जिम्मेदारी किसकी होती इस सवाल पर प्रहरी ने चुप्पी साध ली.
पुलिस की लापरवाही से अनेक ऐसे परिणाम भी सामने आए हैं, जब फरार कैदी की तलाश में पुलिस को लकीर पीटना पड़ा था. इसके पहले भी कभी हवालात से तो कभी पेशी के दौरान आरक्षक की लापरवाही से अनेक कैदी भाग चुके हैं, ऐसे में हत्या जैसे मामले का आरोपी कुछ भी कर सकता है. लेकिन इन सब खतरों को नजरअंदाज करते हुए जेल प्रहरी ने अपने आलस्य के चलते कैदी को खुला छोड़ दिया.
देखिए वीडियो : [embedyt] https://www.youtube.com/watch?v=VzSGA4qKeXM[/embedyt]