लक्ष्मीकांत बंसोड़, बालोद। खाद की कमी से परेशान किसान अब समितियों में ताला जड़कर धरना देने लगे हैं. मामला बालोद जिले के आमाडुला आदिम जाति सेवा सहकारी समिति का है.
यह भी पढ़ें : विधानसभा मानसून सत्र : खाद संकट पर सदन में भारी हंगामा, विपक्ष का स्थगन अस्वीकार
आमाडुला आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में 3 पंचायत के लगभग 900 किसानों का पंजीयन है, लेकिन उन्हें उनकी आवश्यकता के अनुसार खाद नहीं मिल पा रहा है. कहीं कोई सुनवाई नहीं होने पर थक-हारकर किसानों ने समिति में ताला जड़कर धरना देने को मजबूर हैं.

धरना दे रहे किसानों की मांग है कि उन्हें समय पर और पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराया जाए, कि वे अपनी फसलों की जरूरतों को पूरा कर सकें.
बात करें खाद उपलब्धता की तो वर्तमान में समिति में 400 बोरी यूरिया, 324 सुपर फास्फेट और 191 पोटाश उपलब्ध है. लेकिन किसानों की संख्या को देखते हुए यह यह मात्रा पर्याप्त नहीं है. यही वजह है कि किसान आंदोलन कर अपनी बात को शासन-प्रशासन तक पहुंचा रहे हैं.
विधानसभा में विपक्ष ने उठाया मुद्दा
बता दें कि प्रदेश में खाद संकट को लेकर विपक्ष विधानसभा के मानसून सत्र के पहले ही दिन स्थगन प्रस्ताव लेकर आया था. लेकिन मंत्री के जवाब के बाद अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य कर दिया था, जिसके बाद विपक्ष ने वेल पर आकर जमकर हंगामा मचाया था.
दोगुने भाव में खरीदने को मजबूर किसान
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने मुद्दा उठाते हुए विधानसभा में कहा कि पूरे राज्य में खाद की भारी किल्लत है. किसान इससे दुःखी हैं, आक्रोशित हैं. इस पर स्थगन स्वीकार कर चर्चा कराई जाए. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में खाद संकट से किसान हलाकान है. सरकार खाद उपलब्ध कराने में नाकाम है. किसान बाहर बाजार से दोगुने भाव मे खाद खरीदने में मजबूर हैं.
मंत्री ने माना आपूर्ति हुई प्रभावित
कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने माना कि वैश्विक कारणों से रासायनिक खाद की आपूर्ति प्रभावित हुई. उन्होंने कहा कि फास्फेटिक खाद की आपूर्ति प्रभावित हुई, इसलिए हमने बहुत पहले से वैकल्पिक व्यवस्था की. नैनो उर्वरकों के उपयोग की अनुशंसा की गई है. बड़ी तादाद में इसका भंडारण भी किया जा चुका है.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें