India-Bangladesh Mango Diplomacy: तमाम कयासों के बीच भारत-बांग्लादेश की मैंगो डिप्लोमेसी इस वर्ष भी जारी रहा। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) ने पीएम मोदी को 1000 किलो आम भेजे हैं। यूनुस ने ‘हरिभंगा’ किस्म के 1,000 किलोग्राम आम भारत भेजे हैं। इन्हें PM मोदी, भारत के राजनयिकों और दूसरे अधिकारियों को उपहार में दिए जाएंगे।
राज ठाकरे पर NSA लगाने की मांग, मनसे नेता के खिलाफ वकीलों ने खोला मोर्चा, मराठी के नाम पर नफरत फैलाने का लगाया आरोप
दरअसल पिछले वर्ष 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना के सत्ता पलटने के बाद हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा के बाद से भारत-बांग्लादेश के रिश्ते तल्ख चल रहे हैं। भारत के साथ रिश्तों को बेहतर बनाने की कोशिश के तहत बांग्लादेश की इस पहल को ‘मैंगो डिप्लोमेसी’ कहा जा रहा है।
शहीद दिवस पर सीएम उमर अब्दुल्ला ने गेट फांदकर पढ़ी फातिहा, पुलिस पर हाथापाई के लगाए आरोप, कहा- ‘ये समझते हैं कि हम इनके गुलाम हैं, देखें वीडियो

बांग्लादेशी अखबार डेली सन की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश उच्चायोग के एक अधिकारी ने बताया कि ये आम सद्भावना के प्रतीक के तौर पर भेजे गए हैं और सोमवार को नई दिल्ली पहुंचने वाले हैं।
‘नेहरू और गांधी परिवार अमेरिका के आगे नतमस्तक थे…’, निशिकांत दुबे के दावे पर भड़की कांग्रेस, कहा – राजनीति छोड़कर उन्हें पुरात्तव विभाग में जाना चाहिए…’
बांग्लादेश से भारत में आम भेजने की यह परंपरा नई नहीं है। पहले की सरकारें भी भारत को आम भेजती रही हैं। इस बार यह कदम खास इसलिए माना जा रहा है, क्योंकि पिछले साल छात्रों के नेतृत्व में हुए बड़े प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटना पड़ा था। उनके हटने के बाद भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में थोड़ी दूरी आ गई थी, क्योंकि हसीना भारत की करीबी मानी जाती थीं। ऐसे में सवाल उठ रहे थे कि क्या इस परंपरा को जारी रखा जाएगा या फिर यह बंद हो जाएगी।
हो जाइये तैयार! टेस्ला का भारत में कल ‘गृह प्रवेश’, इंडिया में लॉन्च होने वाली TESLA की ‘Model Y’ का रेंज, फीचर्स और प्राइस जानिए?
भारत-बांग्लादेश के बीच संबंध बेहतर करने की कोशिश
PM मोदी और अंतरिम प्रधानमंत्री यूनुस की आखिरी मुलाकात अप्रैल में बैंकॉक में बिम्सटेक सम्मेलन के दौरान हुई थी। यह मुलाकात बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ता से बेदखली के बाद उनकी पहली सीधी बातचीत थी।
भारत और बांगलादेश के बीच न सिर्फ भौगोलिक नजदीकी है, बल्कि ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रिश्ते भी बेहद गहरे हैं। दोनों देश 4000 किलोमीटर से ज्यादा लंबी सीमा साझा करते हैं, जो भारत की किसी भी अन्य पड़ोसी देश के साथ सबसे लंबी सीमा है। बांगलादेश की सीमाएं भारत और म्यांमार से जुड़ती हैं, लेकिन कुल सीमा का 94% हिस्सा सिर्फ भारत से लगता है। इसी कारण बांग्लादेश को अक्सर ‘इंडिया लॉक्ड’ (India-locked) देश भी कहा जाता है, क्योंकि उसके ज्यादातर जमीनी संपर्क भारत के जरिए ही संभव हैं।
समोसा-जलेबी और लड्डू पर भी मिलेगी सिगरेट जैसी वार्निंग, मोटापे के खिलाफ सरकार का नया प्लान, जानें क्या कहती है स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी
2021 में शुरू हुई बांग्लादेश की मैंगो डिप्लोमेसी
मैंगो डिप्लोमेसी का मतलब है- राजनीतिक या कूटनीतिक रिश्तों को मजबूत करने के लिए आम जैसे फलों का इस्तेमाल ‘उपहार’ के तौर पर करना। इसे ‘सॉफ्ट पावर डिप्लोमैसी’ का हिस्सा माना जाता है। बांग्लादेश ने PM मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी, और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों (असम, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा) के मुख्यमंत्रियों को 2600 किलोग्राम हरिभंगा आम उपहार में भेजे।
यह पहल बांग्लादेश-भारत संबंधों में गर्मजोशी लाने के इरादे से की गई थी। इसके अलावा बांग्लादेश ने श्रीलंका, नेपाल, ब्रिटेन, सऊदी अरब, कतर, कुवैत, UAE, इटली, जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन, कनाडा, फिलीपींस, स्विट्जरलैंड को भी आम भेजे थे। बांग्लादेश ने 2021 दुनियाभर में 1,632 टन आम भेजे थे। प्रमुख किस्मों में हरिभंगा, लंगड़ा, हिमसागर, फजली और आम्रपाली शामिल थीं।
फेमस स्टंटमैन राजू की मौत का LIVE VIDEO: फिल्म शूटिंग के दौरान कार को कई फीट ऊपर हवा में उड़ाया और जमीन पर गिरते ही…., सामने आया खौफनाक वीडियो
भारत ने मैंगो डिप्लोमेसी की शुरुआत की
1960 तक आम चीन में अज्ञात फल माना जाता था। चीन के कई हिस्सों में लोगों ने आम को देखा तक नहीं था। लेकिन बीते 60 साल में आम चीन में इतना लोकप्रिय हो गया है कि यह दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा आम का उत्पादन करने वाला देश बन चुका है। भारत ने ही चीन का परिचय आम से कराया था। साल 1955 में भारत ने आम के 8 पौधे चीन भेजे थे। इसमें 3 दशहरी, 2 चौसा और अलफांसो और 1 लंगड़ा आम के थे। भारत, चीन को आम के और कई पौधे भेजने वाला था, लेकिन बाद में दोनों के संबंध बिगड़ गए।
भगवान… ऐसी मौत किसी को न देनाः शौच करते समय 18वीं मंजिल से गिरकर शख्स की मौत, जानें असंभव लगने वाली घटना कैसे हुआ संभव?
करीब 50 साल बाद, यानी 2003 में, जब तत्कालीन PM अटल बिहारी वाजपेयी चीन के दौरे पर गए, तो भारत और चीन के बीच WTO समझौते के तहत द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इस समझौते के बाद, पहली बार भारत से आमों की आधिकारिक खेप 2004 में चीन पहुंची।
दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा का शव यमुना नदी में तैरता मिला, स्नेहा 6 दिन से लापता थी; मां को आखिरी फोन किया था
बांग्लादेश ने हिल्सा मछली की सप्लाई पर लगी थी रोक
इससे पहले बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पिछले साल सितंबर में भारत को हिल्सा मछली का निर्यात रोक दिया था। इसका मकसद घरेलू बाजार में हिल्सा मछली की आपूर्ति सुनिश्चित करना था।
दुर्गा पूजा से पहले हर साल भारत आने वाली यह मछली न केवल स्वाद की वजह से मशहूर है, बल्कि भारत-बांग्लादेश रिश्तों की एक खास पहचान बन चुकी थी, जिसे ‘हिल्सा डिप्लोमैसी’ कहा जाता है। अगस्त 2024 में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद यह पहला मौका था, जब हिलसा निर्यात पर पूरी तरह रोक लगा दी गई थी।
Saina Nehwal Divorce: मशहूर बैडमिंटन प्लेयर साइना नेहवाल ने तलाक लिया, पति पारुपल्ली कश्यप से हुईं अलग, सोशल मीडिया पर शेयर किया नोट
बांग्लादेश हर साल दुर्गा पूजा से पहले 1,500 से 2,000 टन तक हिलसा मछली भारत भेजता रहा है। शेख हसीना सरकार के दौरान यह परंपरा शुरू हुई थी। यूनुस सरकार की इस पर रोक लगाने को भारत-बांग्लादेश के बीच आई कड़वाहट माना जा रहा था। हालांकि, 21 सितंबर को बांग्लादेश ने इस रोक को हटा दिया था और 3000 टन हिल्सा मछली भारत भेजने की मंजूरी दी थी।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत पर परमाणु बम हमला करने वाला पाकिस्तान! शहबाज शरीफ ने कही बड़ी बात, भारतीय हमलों में 55 पाकिस्तानियों की मौत का दावा किया
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक