मनोज यादव, कोरबा। शहर के हृदय स्थल पर 17 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित देवी अहिल्याबाई होलकर कन्वेंशन सेंटर की फॉल सीलिंग 12 जुलाई को अचानक गिर गई। गनीमत रही कि हादसे के समय भवन में कोई मौजूद नहीं था, जिससे किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। हालांकि, इस घटना ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता और उसमें हुए भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया। इस मामले में अब छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल ने कार्रवाई करते हुए दो इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है।

इस मामले में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल के अपर आयुक्त ने जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसमें यह पाया गया कि भवन का निर्माण 23 अप्रैल 2024 को पूर्ण किया गया था और 8 जुलाई 2025 को अल्प समय में फाल्स सीलिंग का गिरना गंभीर तकनीकी खामी एवं गुणवत्ता में कमी को प्रमाणित करता है। जांच रिपोर्ट आने के बाद सहायक अभियंता कांशी प्रकाश पैकरा और कार्यपालन अभियंता आर. के. दंदेलिया को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) (क) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल मुख्यालय, संभाग- जगदलपुर निर्धारित किया गया है।
बता दें कि यह कन्वेंशन सेंटर डीएमएफ फंड से करीब 17 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया था। भवन का लोकार्पण मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ठीक एक महीने पहले ही किया था। ऐसे में निर्माण कार्य में ठेकेदार की लापरवाही और संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका और भी गहराने लगी है।
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