रवि साहू, नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल जिले नारायणपुर में 15वें वित्त आयोग की राशि से संचालित विकास योजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है। ग्राम पंचायत छोटेडोंगर में सोलर ड्यूल पंप की स्थापना के नाम पर लाखों रुपये की फर्जी भुगतान फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कर दिया गया। स्थानीय ग्रामीणों ने सोलर लाइट व पंप के खराब गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए पूरे मामले को उजागर किया।


सूचना के अधिकार (RTI) से मिली जानकारी के अनुसार, माजिसा एंटरप्राइजेज नामक फर्म को मई से जून 2024 के बीच 11,60,000 रुपये का भुगतान किया गया। लेकिन जिन सोलर पंपों की स्थापना दिखाई गई है, उसका भुगतान पंचायत सचिव विनोद गावड़े ने जो तकनीकी स्वीकृति (टीएस) क्रेडा विभाग की बताकर पेश की, उसे फर्जी पाया गया।
वहीं क्रेडा अधिकारी विजय कुमार ध्रुव ने स्पष्ट किया कि टीएस जिला कार्यालय से जारी नहीं किया गया है। हालांकि जिला पंचायत सीईओ ने 17 अप्रैल 2025 को सचिव विनोद गावड़े को निलंबित कर दिया, लेकिन ग्रामीणों ने इसे खानापूर्ति बताते हुए मांग की कि दोषियों से वसूली कर विकास कार्य में राशि का उपयोग हो। एसडीएम अशोक पाटील ने जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है।
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