दिल्ली. सोशल मीडिया के इस दौर में अराजक तत्व हमेशा माहौल खराब करने की हर संभव कोशिश करते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी खबर बताने जा रहे हैं जो गंगा जमुनी तहसीब की अनूठी मिसाल पेश करती है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि पंजाब के शहर मालेरकोटला में मंदिर और मस्जिद की एक ही दीवार है। मुस्लिम बहुल इस शहर में दोनों ही धर्मों के लोग एक दूसरे की खूब इज्जत करते हैं।
जब शहर के मंदिर में आरती होती है तो उसके लिए मस्जिद की अजान थम जाती है। दोनों धर्मों की एकता को इस बात से भी समझा जा सकता है कि एक मुस्लिम व्यक्ति हनुमान मंदिर के बाहर प्रसाद बेचता है और एक ब्राह्मण के स्वामित्व वाली प्रेस रमजान के लिए ग्रीटिंग कार्ड छापती है।
इस शहर में आपसी भाईचारे की मिसाल ऐसी है कि यहां मस्जिद के मौलाना मंदिर के पंडित का अभिवादन राम-राम कहकर करते हैं। संगरुर में मलेरकोटला के सोमसोन कॉलोनी में लक्ष्मी नारायण मंदिर और अक्सा मस्जिद नौ इंच की एक ही दीवार से मिले हुए हैं। ये मंदिर तीन साल पुराना और मस्जिद 60 साल पुरानी है।
लक्ष्मीनारायण मंदिर में पुजारी चेतन शर्मा द्वारा शिवलिंग पर चढ़ाई जाने वाली पत्तियां अक्सा मस्जिद परिसर में स्थित बेल के पेड़ से लाई जाती हैं। दिवाली और ईद पर यहां न सिर्फ आपस में मिठाइयों का आदान-प्रदान होता है बल्कि मंदिर ये भी सुनिश्चत करता है कि रमजान के दौरान लोगों को कोई परेशानी न हो।
पुजारी चेतन शर्मा ने बताया कि नमाज शुरू होने से पहले वह आरती पूरी कर लेते हैं ताकि नमाजियों को कोई असुविधा न हो। उन्होंने कहा, मौलवी साहब हर रोज ‘राम राम’ कहकर मेरा अभिवादन करते हैं। हम गांव के जीवन से लेकर भोजन तक बहुत सी चीजों के बारे में बात करते हैं लेकिन मंदिर-मस्जिद की राजनीति से दूर रहते हैं।
यह स्थान अयोध्या जैसा है लेकिन एक शांत जगह है। मौलाना मोहम्मद हासिम का कहना है कि मस्जिद प्रशासन ने मंदिर के निर्माण के लिए बिजली और पानी उपलब्ध कराया था और इसके उद्घाटन पर मिठाइयां बांटी गई थीं। हासिम ने कहा, कोई भी राजनेता हमारे बीच दूरी पैदा नहीं कर सकता है। चुनाव आएंगे और जाएंगे, लेकिन हमें रोज एक साथ रहना है।