शिवम मिश्रा, रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कस्टम मिलिंग घोटाला मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने आज मुख्य आरोपियों अनवर ढेबर और पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा को पुलिस रिमांड की मियाद पूरी होने पर कोर्ट में पेश किया। ACB/EOW की विशेष कोर्ट ने सुनवाई के बाद दोनों को एक बार फिर 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। अब यह रिमांड 21 जुलाई 2025 तक प्रभावी रहेगी।

बता दें कि इससे पहले दोनों आरोपियों को 9 जुलाई को कोर्ट में पेश कर पहली बार 5 दिन की रिमांड पर लिया गया था। रिमांड अवधि के दौरान हुई पूछताछ में मिले इनपुट के आधार पर EOW ने अदालत से रिमांड बढ़ाने का अनुरोध किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
ईओडब्ल्यू ने इस प्रकरण में अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 11, 13(1)(क), 13(2), भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 384 (जबरन वसूली) एवं 409 (लोकसेवक द्वारा आपराधिक विश्वासभंग) के तहत मामला दर्ज किया है।
पूछताछ का दायरा होगा और बड़ा
सूत्रों के अनुसार, रिमांड के नए चरण में EOW उन आर्थिक चैनलों, लेनदेन की कड़ियों और संभावित लाभार्थियों की गहन पड़ताल करेगी जिनके माध्यम से करोड़ों रुपये का अवैध लेनदेन किया गया। पूछताछ में कई और नाम सामने आने की संभावना जताई जा रही है।
पहले से जेल में बंद थे दोनों आरोपी
गौरतलब है कि अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर पहले से शराब घोटाला मामले में जेल में बंद हैं, लेकिन इस कस्टम मिलिंग घोटाले में ईओडब्ल्यू की जांच के बाद इनकी संलिप्तता स्पष्ट होने पर विधिवत गिरफ्तारी की गई। जांच में सामने आया है कि दोनों ने मिलकर राज्य में चावल मिलर्स से करोड़ों रुपये की अवैध वसूली की सुनियोजित साजिश रची और उसे अंजाम तक पहुंचाया।
ईओडब्ल्यू की जांच तेज
ईओडब्ल्यू इस पूरे प्रकरण की जांच तेजी से कर रही है और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासों की संभावना है। जांच एजेंसी अन्य संदिग्धों की भूमिका की भी पड़ताल कर रही है।
क्या है पूरा मामला?
यह घोटाला वर्ष 2021–22 के दौरान रचा गया था, जब धान की कस्टम मिलिंग के लिए केंद्र सरकार से 62 लाख मीट्रिक टन की मंजूरी मिली थी। इसके बाद प्रदेश सरकार के भीतर कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों ने मिलर्स से दो किस्तों में अवैध वसूली का तंत्र खड़ा किया।
रिपोर्टों के अनुसार, इस योजना में राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश रुंगटा, कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर, रामगोपाल अग्रवाल और सिद्धार्थ सिंघानिया जैसे नाम भी शामिल हैं। रोशन चंद्राकर द्वारा अलग-अलग जिलों से वसूली की गई राशि सिद्धार्थ सिंघानिया के माध्यम से अनवर ढेबर और फिर अनिल टुटेजा तक पहुंचाई गई।
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